सब कुछ ठीक रहा तो दो-तीन दिनों में Congress कार्यसमिति की बैठक में इस पर मोहर लग सकती है।
लोकसभा चुनाव की हार के तत्काल बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
Rahul Gandhi ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद पर बने रहने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद से ही उन्हें पार्टी पदाधिकारियों ने अध्यक्ष बने रहने के प्रयास शुरू कर दिए थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से भी राहुल को अध्यक्ष बनाए रखने को लेकर प्रस्ताव पारित कराए गए। लेकिन लम्बी मान-मनुहार के बाद भी राहुल ने पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने से साफ इनकार कर दिया है।
कुछ दिनों पहले ही रा ष्ट्रीय स्तर पर बनी सहमति के बाद से नए अध्यक्ष के लिए कई नामों को लेकर चर्चा चल रही थी। बताया जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए अब मुख्यमंत्री Ashok Gehlot के नाम पर लगभग सहमति बनी है।
खास बात यह है कि गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहने के लिए भी आलाकमान को साफ कह दिया है। इस पर भी सहमति बनना बताया जा रहा है। ऐसे में गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक साथ संभालेंगे।
कांग्रेस में पहली बार नया फार्मूला
मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का फार्मूला अब तक क्षेत्रीय दलों में ही अपनाया गया है। लेकिन कांग्रेस इस फार्मूले पर पहली बार विचार कर रही है। देश में अखिलेश यादव, मायावती, Mamata Banerjee और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं।