यह जरूर है कि कालवाड़ में स्मैक सहित अन्य नशीले पदार्थ बेचने वाले और खरीदने वालों ने अपने ठिकानों को जरूर बदल लिया है। ऐसे में कालवाड़ में जहां नशा बिकता है, वहां दो दिन से कोई दिखाई नहीं दे रहा। ग्रामीणों ने बताया कि पकड़े जाने के डर से स्मैक बेचने वाले अपने एजेंटों को आसपास या फिर कालवाड़ में ही किसी गुप्त जगह और नदी क्षेत्र में सप्लाई दे रहे हैं।
जहां नशेड़ी नशे की सामग्री खरीद कर 300 से 500 रुपए की पुड़िया फूंक रहे हैं। लेकिन पुलिस इन तक नहीं पहुंच पा रही है। नशे की गिरफ्त में आए युवाओं के बेबस परिजन पुलिस और भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि कैसे भी नशे का कारोबार बंद हो और युवा इससे बच सकें।
स्मैक जैसे नशे की जड़ बन चुके कालवाड़ और कालवाड़ रोड से दूर-दूर से नशे के सौदागर स्मैक आदि खरीदने आते हैं। बताया जाता है कि यहां चौमूं, सामोद, हिंगोनियां, जालसू क्षेत्र के गांवों से कालवाड़ क्षेत्र में आकर नशा खरीदकर ले जाते हैं। पुलिस अगर गंभीरता से बिना किसी सूचना लीक के इसकी बारीकी से जांच करें तो नशे पर अंकुश लग सकता है।