इसकी बानगी जयपुर के शास्त्री नगर स्थित कांवटिया अस्पताल में देखने को मिल रही है, जहां निशुल्क दवा योजना के तहत पर्ची पर लिखी गई दवाइयों में से करीब आधी पर अनुपलब्धता का ठप्पा लगाया जा रहा है। ऐसे में मरीजों को अस्पताल के बाहर निजी दुकानों से दवा खरीदनी पड़ रही है।
खांसी, जुकाम, बुखार, जोड़ों में दर्द, एलर्जी, उल्टी, पेट में गैस, शुगर, बीपी, खून पतला करने, हार्ट से संबंधित, आई ड्रॉप आदि दवाइयां करीब हर चिकित्सक लिखता है, लेकिन मुख्यमंत्री निशुुल्क दवा वितरण केन्द्र पर नहीं मिलती।
कई बार डॉक्टर जानबूझकर मरीज को ऐसी दवा लिख देते हैं, जो मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण केन्द्र पर नहीं मिलती। ऐसे में पर्ची पर अनुपलब्ध की मुहर लगाई जाती है। सभी चिकित्सकों को निर्देश दे रखें है कि वे उन्हीं दवाइयों को लिखें जो सप्लाई में आ रही हैं।
-डॉ.लीनेश्वर हर्षवर्धन , अधीक्षक, कांवटिया अस्पताल
… और इधर रक्तदाता को कॉफी देने से इनकार!
रक्तदान के प्रति आकर्षित करने के लिए कई तरह के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन जयपुरिया अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान के बाद दानदाताओं को कॉफी पिलाने के लिए भी शायद बजट का टोटा हो गया है। ब्लड बैंक कर्मी भी रक्तदाताओं को दो टूक जवाब दे रहे हैं कि यहां व्यवस्था नहीं है। अगर चाय-कॉफी पीनी है तो बाहर जाकर पीओ। ऐसी स्थिति में यहां आने वाले रक्तदाता रक्तदान करने बाद मायूस हो रहे हैं।