बताते चलें कि राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो गई है। प्रत्याशी 30 अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकते हैं। जबकि 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, इसके बाद 23 नवंबर को रिजल्ट की घोषणा होगी।
गहलोत-पायलट खेमों में खींचतान- प्रभारी
दरअसल, राधामोहन दास अग्रवाल ने उपचुनावों को लेकर कहा कि कांग्रेस में गहलोत और पायलट खेमों के बीच जोरदार खींचतान चल रही है। बीजेपी प्रभारी ने कहा कि एक नेता को पायलट खेमे ने इस बार टिकट नहीं लेने दिया, क्योंकि वो गहलोत का नजदीकी था। उन्होंने कहा कि जो काम हरियाणा चुनावों में हुड्डा ने किया था वही काम राजस्थान में सचिन पायलट कर रहे हैं।
राजस्थान में राजे लोकप्रिय नेता
वहीं, इसी इंटरव्यू में अग्रवाल ने वसुंधरा राजे को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजे की भूमिका हमेशा बनी रहेगी। वे राजस्थान की लोकप्रिय नेता हैं। इसके अलावा राजे के ‘पीतल की लौंग मिलने पर कुछ लोग खुद को सर्राफ समझ बैठते हैं’ बयान पर राधामोहन दास ने कहा कि किसी भी नेता के तात्कालिक रिएक्शन और दीर्घकालीन स्टैंड को आप जोड़ नहीं सकते हैं। नेताओं के एक बयान को पकड़कर उनके स्टैंड को स्थायी समझ लेंगे तो आप फंस जाएंगे। उन्होंने वसुंधरा राजे की नाराजगी को लेकर कहा कि मुझसे जब भी वो मिली है हर बार उन्होंने यही कहा है कि पार्टी ने मुझे 10 साल तक बतौर सीएम काम करने का मौका दिया और मुझे पता है कि राजनीति में एक समय के बाद आपको वरिष्ठ नेता के दौर में जाना ही होता है। वहीं आज पार्टी हाईकमान की ओर से मुझे जो भी दायित्व मिला है उससे मैं संतुष्ट हूं।
मालूम हो कि हरियाणा के नतीजों के बाद भूपेंद्र हुड्डा औऱ कुमारी शैलजा को के बीच खींचतान की काफी चर्चा हुई थी। इसके साथ ही अग्रवाल ने 7 सीटों के उपचुनाव पर कहा कि बीजेपी 7 में से 6 सीट जीत रही है और इससे पहले हमारे पास तो एक ही सीट थी।
इस सीटों पर होंगे उपचुनाव
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।