शनिवार को सांचौर में जहां 6 मंडल अध्यक्षों ने सांसद देव जी पटेल को उम्मीदवार बनाने के विरोध में प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी को अपने इस्तीफे भेज दिए, वहीं झोटवाड़ा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गए सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौर की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। यहां से स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ बगावती झंड़ा उठा लिया है। राठौर के खिलाफ जहां कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का मन बना लिया है, वहीं शनिवार को एक और नेता आशु सिंह सुरपुरा (Ashu Singh Surpura) ने भी झोटवाड़ा से निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। सुरपुरा की इस घोषणा ने भाजपा और राठौर के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
वोट बंटने से भाजपा को हो सकता है नुकसान
भाजपा ने जिस दिन जयपुर ग्रामीण से सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौर को झोटवाड़ा से प्रत्याशी घोषित किया, उसी दिन से उनका विरोध शुरू हो गया था। अब उनके विरोध में आशु सिंह सुरपुरा भी खड़े हो गए हैं। सुरपुरा के समर्थक भी राठौर की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सुरपुरा ने अपने समर्थकों से कहा है कि वह राठौर के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। सुरपुरा के ऐलान के बाद भाजपा और राठौर के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। उनके चुनाव लडऩे की घोषणा के बाद राजपूत वोटरों में बिखराव हो सकता हैं क्योंकि दोनों ही नेता राजपूत समाज से आते हैं।
सांसद के काफिले पर हुआ था हमला
उल्लेखनीय है कि सांचौर से प्रत्याशी घोषित होने के बाद यहां पहुंचे सांसद देव जी पटेल का पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया था। लोगों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था। हमले में सांसद की कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। इससे पहले, शुक्रवार को भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय पर भी विरोध किया था। कार्यालय में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस बुलानी पड़ी लेकिन नेताओं के लिए टिकट मांगने आए समर्थकों की भीड़ के आगे पुलिस की ज्यादा नही चली। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष के चैंबर तक पहुंच गए थे।