इस दिन लोग सोने-चांदी के गहनेें और वस्तुओं के अलावा बर्तन खरीदने को शुभ मानते हैं। इसलिए पूरे साल बर्तन विक्रेता इस दिन का इंतजार करते हैं। इसी दिन का इंतजार बर्तन व्यापार से जुड़े, होलसेलर और मैन्यफैक्चरर को भी रहता है। लेकिन इस बार की धनतेरस आपकी जेब ज्यादा हल्की कर सकती है, क्योंकि धनतेरस पर स्टील के बर्तन खरीदना इस बार आपके लिए महंगा सौदा साबित हो सकता है।
दूसरी तरफ, कोरोना काल में ग्राहकों की परचेजिंग पावर घट गई है। ऐसे में इस साल धनतेरस का व्यापार बहुत अच्छा होता नजर नहीं आ रहा। दरअसल, स्टील के आयात पर कई बंदिशों के बाद घरेलू कंपनियों की ओर से स्टील शीट के दाम बढ़ाए गए हैं। ऐसे में बर्तन निर्माताओं की लागत बढऩे से इस साल धनतेरस की खरीदारी महंगी पड़ेगी। चौड़ा रास्ता स्थित बर्तन व्यापारी ने बताया कि पूरी वैल्यू चेन में कीमतें 20 से 25 फीसदी तक बढ़ी हैं। वहीं होलसेल में बर्तनों की बिक्री अब तक 50 फीसदी कम रही है। स्टील के बर्तनों के सबसे बड़े थोक बाजार में ट्रेडर महंगाई बढऩे और डिमांड घटने की बात कर रहे है। यह हाल तो त्योहारों पर है, इससे बिक्री का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बर्तनों और क्रॉकरी के होलसेलर कहना है कि फैक्ट्री और कारखाना मालिक धनतेरस वाले दिन ही पूजा पाठ करने के बाद अपनी लेबर और स्टाफ को दिवाली का इनाम देते हैं। इसमे बड़ी संख्या बर्तन और क्रॉकरी की होती है। घर-परिवार में तो धनतेरस वाले दिन सिर्फ रस्म अदायगी के तौर पर एक से दो बर्तन खरीदे जाते हैं, लेकिन फैक्ट्री और कारखानों में गाडिय़ां भरकर बर्तन जाते है, लेकिन कोरोना के चलते अभी भी छोटी-बड़ी ज्यादातर फैक्ट्री और कारखाने या तो बंद है या लेबर काम करने कम ही आ रही है, जिसके चलते धनतेरस पर फैक्ट्रियों की मांग में भारी कमी आई है।