अवधेशाचार्य ने कहा कि मंदिरों से जुड़े लोगों और मंदिरों के प्रबंधन को लेकर सरकार को सोचना चाहिए। परंपरागत रूप से जो व्यवस्थाएं चली आ रही है, उसे बदला नहीं जा सकता है, आज यह स्थिति आ रही है कि ब्राह्मण वर्ग के लोग काम कर रहे है, उन्हें बदलने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है। नए लोगों के प्रवेश कराने के बारे में भी चिंतन करने की जरूरत है, कहीं सरकार पंरपराओं से छेड़छाड़ तो नहीं कर रही है, परपंराओं से छेड़छाड उचित नहीं है।
पुजारी प्रोटेक्शन बिल की मांग को लेकर करेंगे विधानसभा का घेराव
विप्र महासभा राजस्थान और श्रीपरशुराम सेना के साथ अन्य संगठन 13 फरवरी को पुजारी प्रोटेक्शन बिल की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे। महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुनील उदेइया ने बताया कि प्रदेश में लगातार पंडित व पुजारियों पर हो रही घटनाओं को देखते हुए पंडित, पुजारी, धर्मगुरु, कथावाचक प्रोटेक्शन बिल लाया जाए, जिसमें मंदिर के पुजारियों को वेतन, मंदिर की व्यवस्था और प्रसाद के लिए 10 हजार रुपए भत्ता, सुरक्षा के प्रावधान, मंदिर की जमीनों का संरक्षण जैसे प्रावधान किए जाए। ईडब्ल्यूएस केटेगरी को सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश में न्यूनतम अर्हता अंकों में अन्य वर्गों की तरह 5 प्रतिशत की छूट दी जाए।
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बड़े आंदोलन की चेतावनी भी
श्रीपरशुराम सेना के प्रदेशाध्यक्ष अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो जल्द ही देशभर के पंडितों व पुजारियों को एकत्र कर विशाल आंदोलन किया जाएगा।