पदोन्नत कर बनाया डीईओ फिर पद ग्रहण करवाया प्रधानाचार्य का
शिक्षा विभाग ने रचा इतिहास!पदोन्नत डीईओ को पद ग्रहण करवाया गया प्रधानाचार्य पदों परनियमों की अनदेखी कर आदेश जारी करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की मांगअरस्तु ने की कार्यवाही की मांग
जयपुर, 3 जुलाई
पिछले दिनों हुई डीपीसी (DPC) ने शिक्षा विभाग (Education Department) में इतिहास रच दिया है। पहले विभाग (Department) ने प्रदेश के 323 प्रधानाचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) के पद पर पदोन्नति प्रदान की दी लेकिन जब बारी आई कार्यभार ग्रहण करवाने कीतो नियमों की अनदेखी कर पदोन्नत डीईओ को प्रधानाचार्य के पद पर पदभार ग्रहण करवाया गया, जो उनके पूर्व धारित पद हैं। यानी पदोन्नति देकर वरिष्ठ तो बना दिया लेकिन दायित्व अब भी कनिष्ठ अधिकारी का ही दिया गया। वह भी उस स्थिति में जबकि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में डीईओ यानी जिला शिक्षा अधिकारी के पद होते ही नहीं है लेकिन विभागीय अधिकारियों ने आनन फानन में पदोन्नति देते हुए प्रधानाचार्यों को पदोन्नति देते डीईओ तो बना दिया लेकिन उन्हें डीईओ के पद पर कार्यभार ग्रहण नहीं करवाया।
यह आदेश हुए थे जारी
शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी और समकक्ष पदों की पिछले दो वर्षों 2019-20 तथा 2020-21 की पदोन्नति में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए इन दोनों वर्षों की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करवाई गई थी और चयन के आदेश जारी किए गए। उक्त पदोन्नति से 2019-20 में 179 तथा 2020-21 में 144 प्रधानाचार्य चयनित हुए है। इन्हें आदेश दिए गए थे कि उन्हें आगामी आदेशों तक अपने पदस्थापन स्थान पर ही कार्यग्रहण करना है।
कार्यवाही करे सरकार
अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ अरस्तु ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेजकर इस मामले में कार्यवाही किए जाने की मांग की है। अरस्तु के प्रदेशाध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में पोपा बाई का राज स्थापित हो चुका है। अभी तक ऐसा पदोन्नति पर पदस्थापन आदेश न तो जारी हुआ नहीं सुना गया कि पूर्व धारित पद पर कार्य ग्रहण कराया गया हो। कभी भी वरिष्ठ, कनिष्ठ के पद पर कार्यग्रहण नहीं कर सकता, लेकिन हुआ यही है। स्कूलों में डीईओ के पद होते ही नहीं। फिर भी कार्यग्रहण करवाया गया है। जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। अच्छा होता पदोन्नत डीईओज को जिलाशिक्षाधिकारी मुख्यालयों या सीडीईओ कार्यालयों पर पर कार्यग्रहण के आदेश जारी किए जाते।
रिटायरमेंट के बाद दिया प्रमोशन
इतना ही नहीं राज्य सरकार ने भीलवाड़ा जिले के 13 प्रिंसिपल को जिला शिक्षा अधिकारी पद पर पदोन्नत किया है। इनमें चार ऐसे प्रिंसिपल हैं, जिन्हें राजकीय सेवा से रिटायर होने के बाद प्रमोशन मिला है। सभी प्रमोशन 2020-21 की रिक्तसीटों के विरुद्ध किए गए हैं। समसा में कार्यरत योगेश पारीक, दिनेश शर्मा, अशोक श्रोत्रिय, महावीर शर्मा, सत्यनारायण काबरा, रमेश शर्मा, रामेश्वर बाल्दी, बंशीलाल कीर, गोपाल सुथार, रविकांत दाधीच, असलम मोहम्मद, राजकुमारी स्वर्णकार, मधु सामरिया को प्रमोशन मिला। इनमें सत्यनारायण काबरा, रविकांत दाधीच,असलम मोहम्मद तथा राजकुमारी स्वर्णकार रिटायर हो चुके हैं। ये चारों डीईओ से सेवानिवृत्त माने जाएंगे और लाभ डीईओ वाले देय होंगे।
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