कोर्ट ने कहा कि केवल फोटो अपलोड करने से आर्म्स एक्ट के आरोप साबित नहीं होता है। ऐसा साक्ष्य नहीं है कि फोटो से कोई भय पैदा हुआ हो और उससे कोई व्यक्ति, राज्य के खिलाफ लोकशांति के विरुद्ध अपराध करने के लिए प्रेरित हुआ हो।
पुलिस ने रोहन के खिलाफ सोशल मीडिया पर हथियार का प्रदर्शन करते हुए फोटो अपलोड करने पर दिसंबर 2019 में आइपीसी व आर्म्स एक्ट में केस दर्ज किया था। आरोपी रोहन के अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि अनुसंधान अधिकारी ने आरोपी से कोई हथियार बरामद नहीं किया। ऐसा कोई साक्ष्य या गवाह भी नहीं है जिसमें कथित हथियार दिखाकर किसी व्यक्ति को डराया या धमकाया हो।
इस संबंध में किसी तरह की कोई शिकायत के संबंध में दस्तावेज पेश नहीं किए। जांच अधिकारी ने किसी स्वतंत्र गवाह के बयान भी नहीं करवाए। उसे झूठा फंसाने के लिए उससे खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर 15 दिसंबर 2019 को झूठी शिकायत बनाई गई। जिस पर कोर्ट ने आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया।