करीब चार घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे के चलते लगे जाम के कारण पुलिस को रूट डाइवर्जन भी करना पड़ा। पीएचईडी इंजीनियर भी मौके पर पहुंचे।संघर्ष समिति के रविन्द्र शर्मा ने बताया कि चरण नदी द्वितीय, नाड़ी का फाटक क्षेत्र की कॉलोनियों में लगाए गए नलकूपों के सूखने और क्षेत्र की एक भी कॉलोनी को बीसलपुर सिस्टम से नहीं जोड़ने के कारण
गर्मी की शुरूआत के साथ ही पेयजल संकट शुरू हो गया। वहीं, हरमाड़ा, लोहामंडी, मुरलीपुरा व अन्य क्षेत्रों की कॉलोनियों को बीसलपुर सिस्टम से जोड़ दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जलदाय विभाग की ओर से यहां टैंकर नहीं भेजे जा रहे हैं। 400 से 500 रुपए खर्च कर निजी टैंकर के जरिए पेयजल संबंधी जरूरतों को पूरी कर रहे हैं। मामले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही जलदाय मंत्री महेश जोशी व पीएचईडी इंजीनियरों को भी ज्ञापन दिए जा चुके हैं।वहीं,
नाड़ी का फाटक रोड पर बीसलपुर सिस्टम से पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन की सूचना पर मुरलीपुरा पुलिस क्षेत्र के अधिशाषी अभियंता पवन अग्रवाल को लेकर मौके पर पहुंची। काफी देर समझाइश के बाद अगस्त तक क्षेत्र की कॉलोनियों को बीसलपुर सिस्टम से जोड़ने का काम शुरू करने के आश्वासन पर प्रदर्शन कर रहे लोग माने। इसके बाद वहां लगाए जाम को हटाया।
इन कॉलोनियो में पेयजल किल्लत पटेल नगर,गणेश विहार प्रथम से लेकर तृतीय तक,रामेश्वर कॉलोनी,गोविंद नगर प्रथम व द्वितीय,बालाजी नगर,लक्ष्मी नगर समेत 30 कॉलोनियाें के लोग क्षेत्र को बीसलपुर पेयजल सिस्टम से जोड़ने की मांग कर रहे हैं।