नल वाले केम्पर की ज्यादा डिमाण्ड
अम्बाबाडी पर मिट्टी के बर्तन बेच रहे विक्रेता घासीराम ने बताया कि इस बार लोग नल वाले मटके को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। आकार बड़ा होने से इसमें पानी अधिक आ जाता है। झोटवाड़ा, विद्याधर नगर, मुरलीपुरा, सीकर रोड, बैनाड़, हरमाड़ा, अंबाबाड़ी आदि इलाकों में सड़क किनारे फुटपाथ लगी दुकानों पर नल वाला मटका खूब पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा मिट्टी की बोतल को भी लोग पसंद कर रहे हैं।
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अम्बाबाड़ी इलाके में मटके बेच रहे एक विक्रेता ने बताया कि इस बार लोग मिट्टी के बने कैंपर को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा फायदा यह है इसमें टूंटी लगी हुई है। जिससे पानी निकालने में आसानी होती है।
सेहत के लिए भी फायदेमंद
मटके का पानी प्राकृतिक तौर पर ठंडा होता है जबकि फ्रिज का पानी इलेक्ट्रिसिटी की मदद से ठंडा होता है। मिट्टी के मटके का पानी पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। शरीर में टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ता है। मटकी के पानी को पीने से गला खराब नहीं होता है और सर्दी- जुकाम की समस्या नहीं होती है।
इन रेट में मिल रहे
– साधारण मटका 60 से 100 तक
– गगरी 80 से 120 तक
– सुराही 80 से 150 तक
– नल वाला मटका 100 से 200 तक
– डिजाइनदार मटके 150 से 300 तक
– मिट्टी की बोतल 150 से 400 तक
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मैंने नल वाला मटका खरीदा है। इससे जरूरत के हिसाब से पानी लिया जा सकता है और बचाया भी जा सकता है।
वसुंधरा चौधरी, अल्का सिनेमा के पास
मिट्टी की बोतल में पानी पी रहा हूं। मुझे अधिकतर फील्ड में ही रहना पड़ता है। इसमें पानी लम्बे समय तक ठण्डा रहता है।
मनोज शर्मा, सीकर रोड