जयपुर। खोले के हनुमान मंदिर में रविवार को 64 वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होगा। इसमें अमीर-गरीब और जात-पांत के भेदभाव से परे रहकर शहरवासी पंगत में बैठकर अन्नकूट प्रसादी (मूंग, चौला, बाजरा, चावल, गडमढ सब्जी, कढ़ी, हलवा और भुजिया) ग्रहण करेंगे। दोपहर 12.30 से रात 11 बजे तक करीब पौने दो लाख भक्तजन प्रसादी पाएंगे। प्रसादी बनाने का कार्य शनिवार से शुरू होगा।
सबसे पहले लक्ष्मण डूंगरी के शिखर पर विराजे भगवान राम, हनुमानजी, माता अन्नपूर्णा, गायत्री व माता वैष्णो, द्वादश ज्योतिर्लिंग सहित सभी देवालयों में 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। पवनपुत्र को 26 किलो वजनी चांदी की पोशाक पहनाई जाएगी। साथ ही समूचे मंदिर परिसर में रोशनी के साथ ही विशेष सजावट की जाएगी।
हरिनाम संकीर्तन
सुबह हनुमान जी का अभिषेक कर चौला धारण कराया जाएगा। शृंगार के बाद 56 भोग की झांकी सजेगी। सुबह नौ बजे से वेद पाठ, हरिनाम संकीर्तन व अन्नकूट भोग की महाआरती होगी। नि:शुल्क जांच व दवा का वितरण होगी।
61 मन्दिरों में भोग
अन्नपूर्णा माता के मंदिर में व्यंजनों की झांकी और शिव परिवार की बर्फ की झांकी खास रहेगी। आसपास के 61 मन्दिरों में भी भोग लगेगा। हड्डीशाह बाबा की मजार पर प्रसादी अर्पित कर चादर चढ़ाई जाएगी।
2000 किलो घी, 3 हजार किलो तेल
70 क्विंटल बेसन, 2000 किलो घी और 3000 किलो तेल के साथ ही 11 क्विंटल मसाले, 50—50 क्विंटल सूजी और बाजरा, 150 क्विंटल चीनी, चावल 70 क्विंटल, मूंग—चौला 50—50 क्विंटल सहित अन्य सामग्री काम में ली जाएगी। भगवान के लिए 56 भोग 10 हजार किलो कच्ची सामग्री से तैयार होगा।