कमजोर संशाधन, बढ़ते आवेदन बने परेशानी
पासपोर्ट बनवाने के लिए बढ़ते आवेदन विभाग के लिए भी परेशानी का शबब बने हुए हैं। कमजोर संधान और कर्मचारियों की कमी के चलते इन पर गहराई से निगरानी रखना संभव नहीं है। ऐसा विभाग के अधिकारी भी स्वीकार करते हैं।
पासपोर्ट के आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष – संख्या
2014-250735
2015-302354
2016-304499
2017-366063
2018-421878
2019-359150
2020-180022
2021-236079
2022-441993
एफआईआर से गिरोह की जड़े खोदने की कवायद
हरियाणा और पंजाब में फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह की जड़े राजस्थान में भी फैल गई है। विभाग ने इस गिरोह को रोकने के लिए आवेदन की जांच प्रक्रिया में गंभीरता रखने के साथ फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर पुलिस में एफआईआर करवाने का निर्णय कर लिया है।
राजस्थान में दर्ज करवाए 16 मामले
पासपोर्ट कार्यालय की ओर से फर्जी दस्तावेजों के 14 मामले जहां हरियाणा और पंजाब में दर्ज करवाए गए हैं, वहीं राजस्थान के विभिन्न जिलों में भी 16 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें सीकर, झुंझुनूं और नागौर जिले के दो-दो आवेदनों में लगे दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। वहीं दौसा, कोटा, बीकानेर, पाली, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और जोधपुर में एक-एक आवेदन फर्जी पाए गए हैं।
इनका कहना है….
पासपोर्ट के लिए दोबारा आवेदन करने वाले अधिकतर लोगों ने तर्क दिया है कि उनका पासपोर्ट वाशिंग मशीन में धुल गया। आवेदन में कोई भी दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर थाने में मामला दर्ज करवाने के साथ पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
नीतू एम.भगोतिया
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, जयपुर