प्रतिभागियों ने मांडना की डिजाइंस बनाना सीखा
‘मेस्मेराइजिंग मीनाकारी’ पर ऑनलाइन सेशन 5 जुलाई को
प्रतिभागियों ने मांडना की डिजाइंस बनाना सीखा
जयपुर, 3 जुलाई। मांडना कलाकार डॉ. शकुंतला महावर (Mandana artist Dr. Shakuntala Mahavar) के ऑनलाइन सेशन ‘मेकिंग ए मांडना’ (‘Making a Mandana’ ) का शनिवार को समापन हुआ। जिसमें प्रतिभागियों ने पहले से तैयार बेस और मांडना के विभिन्न डिजाइन एलीमेंट्स का उपयोग करके लोक कला के इस सबसे पुराने रूप को सीखा। महवार ने पेंसिल का उपयोग करते हुए कैनवास के एक कोने से दूसरे कोने तक एक लाइन खींचकर शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मांडना कला का एक बड़ा नमूना है और इसे कलाकार द्वारा पूरे फर्श घूमते हुए बनाया जाता है। सबसे पहले, कलाकार केवल उस क्षेत्र में डिजाइन बनाना शुरू करता है, जहां उनके हाथ पहुंच सकते हैं। इसके बाद, डिजाइन का और विस्तार किया जाता है। मांडना पर कभी पैर नहीं रखना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
उन्होंने बताया कि एक बार मांडना का डिजाइन पूर्ण हो जाने के बाद कोई यह नहीं बता सकता कि डिजाइन कहां से शुरू और कहां समाप्त होता है। उन्होंने विभिन्न प्रकार के मांडना जैसे जैसलमेर, शेखावाटी, लहरिया, डुमरी चौक सहित अन्य का भी प्रदर्शन किया। सोमवार 5 जुलाई को शिल्पगुरु इंदर सिंह कुदरत का ‘मेस्मेराइजिंग मीनाकारी’ का ऑनलाइन सेशन होगा। सेशन सुंदर मीनाकारी बनाने के लिए आवश्यक विभिन्न सामग्रियों, तकनीकों और कौशल पर केंद्रित करेगा।
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