नए साल में 9 अप्रेल को नवसंवत्सर शुरू होगा, जिसका नाम कालयुक्त संवत्सर होगा। इसके राष्ट्रपति मंगल होंगे, इनके पास खनिज (नीरसेस) व खाद्य मंत्री (सस्येश) का प्रभार भी रहेगा। जबकि शनि देव प्रधानमंत्री रहेंगे। वहीं चन्द्रमा वित्त मंत्री (धनेश) रहेंगे। शुक्र के पास रक्षा का जिम्मा (दुर्गेश) होने के साथ जल मंत्री (मेघेश) का दायित्व भी रहेगा। सूर्यदेव उपखाद्य मंत्री (धान्येश) रहेंगे। वहीं देव गुरु बृहस्पति के पास वाणिज्य मंत्री (रसेश) की जिम्मेदारी रहेगी।
सौरमंडल का यह रहेगा मंत्री मंडल
मंगल — राजा के साथ सस्येश व नीरसेश
शनिदेव — मंत्री
चन्द्रमा — धनेश
सूर्यदेव — धान्येश
शुक्र — मेघेश व फलेश, दुर्गेश
गुरु — रसेश
चन्द्रमा — धनेश
नववर्ष 2024 का फलादेश
पं. बंशीधर ज्योतिष पंचांग के ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि नववर्ष 2024 का शुभारंभ सोमवार के साथ मघा नक्षत्र के साथ प्रीति व आयुष्मान योग में हो रही है। मध्यरात्रि में कन्या लग्न रहेगा। वहीं सूर्योदय के समय कुमार योग भी रहेगा, जो सुख—समृद्धि के साथ व्यापारीक वृद्धिदायक होगा। इस समय सिंह का चन्द्रमा रहेगा, जो सुद्ढ शासन के साथ भारत की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होगा। कन्या लग्न में केतू और 7वें स्थान पर राहू विराजमान रहेंगे। जबकि 8वें स्थान पर बृहस्पति की स्थिति रहेगी। ये संयोग प्राकृतिक आपदाओं को भी दर्शा रहे है।
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नव संवत्सर 2081 का फलादेश
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि कालयुक्त सम्वत्सर में आमजन को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने से जीवन स्तर सुधरेगा। सुख—समृद्धि में सुधार होगा। वैभव में वृद्धि होगी, साथ ही खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाने के लिए नवीन अनुसंधान के योग बनेंगे। हालांकि लोगों को रोग पीड़ा आदि का भी सामना करना पड़ेगा। नवसंवत्सर का राजा मंगल और शनि मंत्री होने से देशों के शासकों में परस्पर विरोध भी देखने को मिलेगा। प्राकृतिक आपदा और सीमा संघर्ष की स्थिति बनेगी। लोगों में वाणी में कठोरता तथा दयाभाव की कमी नजर आएगी।