13 नवंबर को समरावता में मतदान के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था। इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मतदान में धांधली का आरोप लगाया कि मतदान केंद्रों पर जबरन वोट डलवाए जा रहे थे। इस बात को लेकर उनका विवाद सेक्टर प्रभारी व मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी से हुआ। जिसके बाद नरेश मीणा ने उन्हें थप्पड़ मार दिया।
नरेश मीणा के इस व्यवहार के बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई और उसी रात को जब पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया तो उपद्रव और हिंसा भड़क उठी। पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं पथराव और आगजनी भी हुई। इस दौरान पुलिस ने नरेश मीणा समेत 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें कोर्ट के आदेश से जेल भेज दिया गया। इस मामले में चार नाबालिगों की जमानत कुछ दिन पहले ही हो चुकी थी और अब बाकी 42 आरोपियों की जमानत पर फैसला होना है।
इस मामले में नरेश मीणा और अन्य आरोपियों की ओर से जमानत के लिए एडवोकेट सलीम सूरी ने पैरवी की है। न्यायालय में इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब इस पर अंतिम फैसला आज होगा।
बता दें कि नरेश मीणा ने देवली उनियारा विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उपचुनाव के दौरान हुई थप्पड़ कांड के बाद नरेश मीणा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। जिससे राज्य में राजनीतिक तनाव पैदा हो गया। नरेश मीणा को गिरफ्तार किए जाने के बाद राज्य सरकार और भाजपा नेताओं ने सक्रियता दिखाई और इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। भाजपा के नेता और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा समरावता गांव पहुंचे और वहां के लोगों से मुलाकात की। इसके बाद वह नरेश मीणा से जेल में भी मिले, ताकि मामले को सुलझाने के लिए प्रयास किए जा सकें। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हनुमान बेनीवाल और रविंद्र सिंह भाटी ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी।