पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने नागौर के डीडवाना प्रकरण को लेकर तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।समिति में किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हरिराम रणवां, रतनगढ़ विधायक अभिनेष महर्षि और पूर्व विधायक गोवर्धन वर्मा को शामिल किया गया है। ये समिति पीड़ित परिवार से मुलाकात कर तथ्यों की जांच करेगी और प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी।
मोर्चरी के बाहर धरना जारी डीडवाना गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद परिजनों और दलित समाज के लोगों में आक्रोश है।जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना देकर पीड़ित परिवार को मुआवज़ा, सरकारी नौकरी और न्याय दिलाने, सभी दोषियों की गिरफ्तारी करने, पूरा थाना लाइन हाजिर करने सहित कई मांगे की जा रही हैं।
प्रकरण की ख़ास बातें
– 4 फरवरी- घर से गायब हुई पीड़िता
– 6 फरवरी- परिजनों ने पुलिस में दर्ज करवाई गुमशुदगी
– 10 फरवरी- संदिग्ध और अचेत अवस्था में मिली
– एक सप्ताह से भी ज़्यादा चला एसएमएस अस्पताल ट्रोमा सेंटर में इलाज
– 17 फरवरी- पीड़िता ने दम तोड़ा
बहन-बेटियां को सुरक्षा नहीं दे पा रही सरकार: पूनिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की बहन-बेटियां को सुरक्षा व सुरक्षित वातावरण देने में पूरी तरह विफल साबित हो चुके हैं। नागौर में गैंगरेप के बाद पीड़िता की मौत और कोटा में छात्रा की हत्या कांग्रेस सरकार के कुशासन एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था की बानगी है।
उन्होंने कहा कि, जब अशोक गहलोत से गृह मंत्रालय नहीं संभल रहा तो क्यों चिपके बैठे हैं ? किसी सक्षम व्यक्ति को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपने का साहस दिखाइए, जिससे बहन बेटियों के मान सम्मान की सुरक्षा हो सके।
पुलिस कार्यशैली निंदनीय : यूनुस खान पूर्व मंत्री यूनुस खान ने डीडवाना गैंगरेप प्रकरण में प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार के प्रति प्रशासन का रवैया शुरू से ही निंदनीय रहा है। गुमशुदगी की शिकायत के बावजूद पुलिस की कार्यशैली ढुलमुल रही। महिला 4 फरवरी को घर से लापता हुई थी और उसी दिन उसके लापता होने की सूचना पुलिस को दे दी गई थी। लेकिन पुलिस 6 फरवरी को महिला को ढूंढने में सक्रिय हुई।