नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ने सीएम भजनलाल से सवाल पूछते हुए लिखा कि, “मेरा CM भजनलाल से सवाल है कि आपकी सरकार के 2 मंत्री और CMO में बैठे IAS अधिकारी SI भर्ती रद्द करने की सिफारिशों पर इसलिए भारी पड़ रहे है, क्योंकि उन मंत्रियों और IAS अधिकारी की महिला मित्रों का फर्जीवाड़े से चयन हो रखा है, क्या वो सीएम से ऊपर हैं?”
हनुमान बेनीवाल ने साधा निशाना
दरअसल, राजस्थान में पुलिस उप-निरीक्षक की भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर पेपर लीक होने के प्रमाण मिलने तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग जैसी संस्था की साख बंटाधार होने व RPSC सदस्यों की गिरफ्तारी होने के बावजूद राजस्थान की भाजपा सरकार पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती को रद्द करने तथा विपक्ष में रहते हुए भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से करवाने जैसे की गई मांगो को भुला चुकी है। उन्होंने कहा कि हर रोज होते पेपर लीक के मामलों ने राजस्थान के लाखों युवाओं के भविष्य पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है। यह मामला केवल परीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था और सरकार की संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवाल उठाता है।
SOG द्वारा SI भर्ती का पेपर लीक होने की प्रमाण सहित पुष्टि करने और भर्ती रद्द करने की सिफारिश करने, PHQ द्वारा भी इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश करने तथा इस मामले में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा भी इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश करने व एडवोकेट जनरल द्वारा भी इस भर्ती को रद्द करने की राय व्यक्त की है।
इसके बावजूद सरकार की SI भर्ती को रद्द करने की बात पर लंबे समय तक चुप्पी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बेरोजगार युवाओं की समस्याओं और उनके भविष्य को लेकर पूरी तरह उदासीन है। SI भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर मैने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व देश के गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा था और मेरे लिखे पत्र पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव से जवाब तलब भी किया था।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पुनः मांग करता हुं कि SI भर्ती को अविलंब रद्द करे ताकि बेरोजगारों के साथ न्याय हो। क्योंकि आपकी सरकार की एजेंसी ने इस भर्ती में जिन ट्रेनी उप-निरीक्षकों को गिरफ्तार किया। उनमें से कई लोगों ने जमानत पर रिहा होने के बाद पुन: ड्यूटी ज्वाइन कर ली जो सरकार की नीति और नियत पर बड़ा सवालिया निशान है।
मेरे द्वारा लोक सभा के शीतकालीन सत्र में शून्य काल में एसआई भर्ती को रद्द करने की मांग से जुड़ा विषय कई बार लॉटरी में आया परन्तु सदन की कार्यवाही बाधित हो जाने के कारण सदन में यह मामला उठा नहीं पाया। लेकिन भारत सरकार के गृह मंत्री व लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी इस मामले से मैंने अवगत करवाया।
IAS अधिकारी की महिला मित्र का जिक्र
मेरा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यह भी प्रश्न है कि आपकी सरकार के दो मंत्री और CMO में बैठे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जो SI भर्ती को रद्द करने की सभी सिफारिशों पर इसलिए भारी पड़ रहे है, क्योंकि इस SI भर्ती में उन मंत्रियों और IAS अधिकारी की महिला मित्रों का भी फर्जीवाड़े से चयन हो रखा है। इसलिए क्या वो मंत्री और IAS अधिकारी मुख्यमंत्री से ऊपर है?
हाईकोर्ट ने जॉइनिंग पर लगा रखी है रोक
गौरतलब है कि अभ्यर्थियों ने इस मामले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि सफल अभ्यर्थियों को पोस्टिंग न दी जाए। फिलहाल, 850 थानेदार पुलिस प्रशिक्षण अकादमी से ट्रेनिंग पूरी कर पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से 50 थानेदारों को एसओजी ने पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था, जिनमें से 26 जमानत पर रिहा हो चुके हैं।