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जयपुर

मां की ममता: एक हाथ में पेंटिंग ब्रश तो दूसरे में ‘बेटी’

तीन दिवसीय राज्य स्तरीय युवा चित्रकार प्रोत्साहन कला शिविर शुरू

जयपुरJun 13, 2023 / 12:11 am

Mohmad Imran

मां की ममता: एक हाथ में पेंटिंग ब्रश तो दूसरे में ‘बेटी’

मां की ममता: एक हाथ में पेंटिंग ब्रश तो दूसरे में ‘बेटी’

जयपुर. राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से सोमवार 12 जून से राज्य स्तरीय युवा चित्रकार प्रोत्साहन कला शिविर की शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि राज. युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा थे। अकादमी के चेयरमैन मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास ने बताया कि अकादमी में आयोजित तीन दिवसीय आर्ट कैंप में प्रदेशभर के 50 कलाकार लाइव पेंटिंग बना रहे हैं। जिसमें कलाकार अपनी भावनाओं को कैनवास पर उकेर रहे हैं। अकादमी सचिव रजनीश हर्ष ने बताया कि कैंप का उद्देश्य ऐसे कलाकारों को सामने लाना है जिन्हें प्रतिभा होने के बाद भी मंच नहीं मिला रहा। कला वार्ता में मुख्य वक्ता कलाविद् चिन्मय मेहता व वरिष्ठ फ्रेस्को आर्टिस्ट राधाकृष्ण कुमावत ने फ्रेस्को आर्ट की बारे में बताया। कैंप के संयोजक अमित हारित और सह-संयोजक निखत अंसारी है।

मां की ममता: एक हाथ में पेंटिंग ब्रश तो दूसरे में ‘बेटी’

बेटी की वजह से नहीं कर पाई कई कैंप
कैंप में उदयपुर की कुमुदिनी भरावा, 40 डिग्री टेंपेरेचर में 18 माह की बेटी चित्रांशा को गोद में लिए पेंटिंग करती नजर आई। कुमुदिनी ने बताया कि दिल नहीं मानता की बेटी को दूसरी जगह छोडक़र पेंटिंग करने जाऊं। पेंटिंग बनाने का जूनून था तो साथ ले आई। बेटी को संभालना और पेंटिंग करना थोड़ा मुश्किल रहता है, लेकिन मैनेज कर रही हूं। कैंप में पति सूरज सोनी भी साथ आए है। जब वो पेंटिंग करते हैं तो मैं बेटी को संभालती हूं और जब मैं पेंटिंग करती हूं तो वो बेटी को संभालते हैं। जब वो किसी काम से बाहर चले जाते हैं, तो मैं ही दोनों काम करती हूं। उन्होंने बताया कि कई कैंप में सिलेक्शन होने के बाद भी बेटी छोटी होने की वजह से जॉइन नहीं कर पाई। कई बार बेटी मेरे को देखकर पेंटिंग करने लग जाती है। अभी विजुअल आर्ट से पीएचडी कर रही हूं। ललित कला अकादमी से स्टेट अवॉर्ड भी मिल चुका है।

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बोल और सुन नहीं सकते लेकिन उकेर सकते है
जयपुर के विकास मीणा ने भी कैंप में हिस्सा लिया है। जो बचपन से बोल और सुन नहीं सकते। विकास के गाइड लोकेश ने बताया कि ये पिछले पांच साल से पेंटिंग कर रहे हैं। ये नेचर की खूबसूरती को अपने तरीके से कैनवास पर उकेर कर अपनी भावनाएं प्रदर्शित करते हैं। अब तक 100 से अधिक पेंटिंग बना चुके हैं। ललित कला अकादमी की ओर से इन्हें कला मेले में बेस्ट पेंटिंग का अवॉर्ड मिला था। विकास इसी फील्ड में कॅरियर बनना चाहते हैं।

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