केवल 35 फीसदी पानी बचा
बीते 72 घंटे में कोटा, झालावाड़, अलवर में तेज बारिश होने से नदियां जरूर उफान पर आई है, लेकिन अन्य जगहों पर मानसून के हालात अब भी कमजोर है। जुलाई में प्रदेश की बनास, माही और दूसरी नदियां उफान पर रहती थी, लेकिन इस बार इन नदियां में पानी की आवक ना के बराबर है। त्रिवेणी में नदियों का संगम नहीं हो पा रहा है। जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बीते साल जुलाई में 41 फीसदी के पानी के मुकाबले इस साल प्रदेश बांधों में महज 35 फीसदी ही पानी बचा है। राज्य के 4.25 एम क्यूएम से अधिक भराव वाले 278 बांधों में से 169 खाली हैं, जबकि 106 आंशिक भरे हैं। वहीं राज्य 4.25 एम क्यूएम से कम 449 बांध की बात की जाए तो 494 बांध खाली हैं जबकि 97 बांध की आंशिक रूप से भरे हैं।
अब तक के आंकड़े
जयपुर, कोटा और उदयपुर संभाग में बीते साल के मुकाबले पानी का जलस्तर घटा है। 1 जून से 24 जुलाई तक प्रदेश में अब तक औसत से करीब 26 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई। साथ ही पूर्वी राजस्थान में औसत से करीब 36 फीसदी तक कम बारिश होने के साथ ही 29 जिलों में औसत से कम बारिश रेकॉर्ड हुई है।
यहां भी हालात चिंताजनक
जयपुर समेत अन्य जिलों के लिए पानी की लाइफलाइन माने जाने वाले बीसलपुर बांध के हालात भी चिंताजनक नजर आ रहे हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बांध में अब तक पानी की आवक नहीं के बराबर हुई है। बांध में अब तक कुल 207 मिलियन क्यूबिक मीटर आया है, जिसमें मानसून की सक्रियता के बाद बीते तीन दिन में 47 क्यूबिक मीटर पानी ही आया है। बीसलपुर बांध में अभी केवल 24 फीसदी पानी ही भरा हुआ है। चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा आदि जगहों में बारिश नहीं होने से पानी की आवक नहीं हो रही हैं।