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जयपुर

कार्तिक मास का समापन, देव दिवाली पर दीपकों से दीपदान, मंदिरों में सजी रास की झांकियां

पवित्र कार्तिक मास का समापन शुक्रवार को पूर्णिमा के साथ हुआ। इस अवसर पर देव दिवाली के उत्सव ने छोटीकाशी के देवालयों को रोशनी और श्रद्धा से भर दिया। मंदिरों और घरों में तुलसी, पीपल आदि के पास घी और तेल के असंख्य दीपक जलाए गए। मंदिरों में भगवान की सेवा पूजा में बदलाव के साथ गुनगुने पानी से स्नान और सर्दी से बचाव के लिए मफलर पहनाने की परंपरा शुरू हो गई है।

जयपुरNov 16, 2024 / 06:33 pm

Gaurav Mayank

जयपुर। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुक्रवार को गलता तीर्थ दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। जिला प्रशासन की ओर से यज्ञवेदी कुंड पर देव दिवाली के उपलक्ष में दीपदान कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं और विदेशी पर्यटकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में सनातन परंपराओं की झलक देखने को मिली। गालव ऋषि मंदिर को पुष्प मालाओं से सुसज्जित किया गया। गालव ऋषि कुंड पर 5100 दीपक प्रज्वलित कर देव दिवाली की परंपरा निभाई गई।
जले आस्था के दीप

पवित्र कार्तिक मास का समापन शुक्रवार को पूर्णिमा के साथ हुआ। इस अवसर पर देव दिवाली के उत्सव ने छोटीकाशी के देवालयों को रोशनी और श्रद्धा से भर दिया। मंदिरों और घरों में तुलसी, पीपल आदि के पास घी और तेल के असंख्य दीपक जलाए गए। मंदिरों में भगवान की सेवा पूजा में बदलाव के साथ गुनगुने पानी से स्नान और सर्दी से बचाव के लिए मफलर पहनाने की परंपरा शुरू हो गई है। भगवान को गर्म तासीर वाले व्यंजनों का भोग भी लगाया गया।
पूर्णिमा की झांकियां बनीं आकर्षण का केंद्र

गोविंददेव जी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में रास पूर्णिमा की विशेष झांकी सजाई गई। ठाकुरजी को स्वर्णिम पोशाक धारण कराकर गर्भगृह में रास खाट सजाई गई, जिसमें चौसर और शतरंज खेलने के प्रतीकात्मक सामान रखे गए। सुभाष चौक स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरीशरण के सान्निध्य में झांकी के दर्शन और देव दिवाली के पदों का गायन हुआ। लाड़लीजी मंदिर और राधादामोदरजी मंदिर में भी रास झांकी और दीपदान कार्यक्रम हुआ। आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर में विशेष झांकी सजाकर पदों का गायन हुआ।
मार्गशीर्ष मास आज से शुरू

मार्गशीर्ष मास की शनिवार से शुरुआत हुई। ज्योतिषाचार्य पं. दामोदरप्रसाद शर्मा ने बताया कि यह शरद ऋतु का दूसरा महीना है और इसमें ठंड का असर बढ़ेगा। इस माह में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की परंपरा है। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि ‘मासानांमार्गशीर्षोसहम् यानी अर्थात सभी महीनों में मार्गशीर्ष मेरा स्वरूप है। मार्गशीर्ष का समापन 15 दिसंबर को होगा। इस माह में नदी स्नान, दान-पुण्य और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है।
महिला मंडल ने की महाआरती

महिला मंडल ने की महाआरती
महिला मंडल की ओर से राजधानी के सी-स्कीम धूलेश्वर गार्डन स्थित धूलेश्वर महादेव मंदिर में शुक्रवार को देव दिवाली के मौके पर दीए जलाए। साथ ही भजनों की प्रस्तुति दी। इस मौके पर तारा शर्मा, अंजू खण्डेलवाल, ममता शर्मा, कमलेश, कृष्णा, केसर, निक्की गौतम, विमला देवी, संतोष, प्रीति, अंजलि समस्त धूलेश्वर महादेव महिला मंडल ने महा आरती भी की।

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