हालांकि भाजपा मुख्यालय के पास राजमहल चौराहे पर पुलिस ने कर्मचारियों को रोक लिया, जहां आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे मंत्रालयिक कर्मचारियों की पुलिस के साथ काफी देर तक धक्का मुक्की भी होती रही। धक्का-मुक्की के चलते कई कर्मचारी सड़क पर गिर गए। पुलिस की ओर से रोके जाने से नाराज मंत्रालयिक कर्मचारी सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक राजमहल चौराहे पर ही प्रदर्शन करते रहे।
इसके बाद मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सचिवालय लाया गया, जहां उनकी मुख्य सचिव उषा शर्मा ने वार्ता हुई। इससे पहले मंत्रालयिक कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करना चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत के जयपुर में मौजूद नहीं होने के चलते उन्होंने बाद में मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करने का फैसला लिया। जिसके चलते सुबह 11 बजे से मंत्रालयिक कर्मचारी राजमहल चौराहे पर जुटना शुरू हो गए थे और उसके बाद जैसे ही मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ कूच करने लगे तो पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया।
इधर मंत्रालयिक कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले 64 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं,अंधड़ और बरसात में भी मानसरोवर के शिप्रा पथ ग्राउंड में महापड़ाव डाले हुए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को 2 दिन का समय दिया गया लेकिन उसके बावजूद सरकार ने कर्मचारियों की सुध नहीं ली जिसके चलते सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव का फैसला लेना पड़ा।
कार्मिक और वित्त विभाग के प्रमुख अधिकारियों के समक्ष भी रखीं मांगें
वहीं मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा के बाद कार्मिक और वित्त विभाग के भी प्रमुख अधिकारियों के साथ भी अपनी मांगों को उनके समक्ष रखा।
मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल से विभागों में कामकाज प्रभावित
मंत्रालयिक कर्मचारियों की लंबी हड़ताल और सामूहिक अवकाश के चलते विभागों में कामकाज प्रभावित हो रहा है। सूत्रों की माने तो सरकार की 10 प्रमुख योजनाओं को लेकर चलाए जा रहे महंगाई राहत शिविरों में इसका असर देखने को मिल रहा है।
वीडियो देखेंः- Sachin Pilot क्यों नहीं बन पाए CM बाबा ने बताई पूरी बात | Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot