उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार (
Rajasthan Government ) ने केन्द्र सरकार (
Central Government ) से सहयोग किए जाने का आग्रह किया है। राज्य सरकार अपने स्तर पर भी राशि का प्रावधान कर इस संबंध में जल्द काम करना चाहती है। बालिकाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही उनका समुचित पोषण भी जरूरी है। डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ाव देने के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास के मद्देनजर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में सभी स्तरों पर मॉनिटरिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। पूर्व की तुलना में चार गूना अधिक मॉनिटरिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विद्यालय में पढऩे वाली बालक-बालिकाओं को फोर्टिफाइड पोषाहार मिले। उन्होंने कहा कि इसी संबंध में कूक एवं हेल्पर के प्रशिक्षण की भी पृथक से व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है ताकि वे विद्यालयों में स्वच्छता रखते हुए बेहतर पोषाहार विद्यार्थियों को दे सकें।
डोटासरा ने बालिका शिक्षा वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरुरत बताते हुए कहा कि एक बालिका यदि परिवार में पढ़ जाती है तो पूरा परिवार शिक्षित हो सकता है। बालिकाओं को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की भी आवश्यकता है। इसीलिए राज्य के विद्यालयों में बालिकाओं को शिक्षा के साथ उनकी कौशल दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है। बालिकाओं को आत्म सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की भी पहल की गयी है। उन्होंने बताया कि जन सहयोग से प्रदेश के सौ से अधिक बालिकाओं के नामांकन वाले एक हजार विद्यालयों में इन्सीनेरेटर, डिस्पेंसर मशीन की स्थापना की पहल की गयी है। समाज में बालिकाओं को आगे बढऩे के अवसर दिए जाने चाहिए। इसके लिए वातावरण बनाने की जरूरत है। डोटासरा ने अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं द्वारा जूड़ो-कराटे के साथ ही आत्म सुरक्षा के लिए दिए गए प्रशिक्षण के डेमो का अवलोकन भी किया।