जोशी ने कहा कि लोकतंत्र है कोई कभी भी अपनी बात कह सकता है सहमत भी हो सकता है असहमत भी हो सकता है लेकिन बात करने का तरीका होना चाहिए यदि हम सम्मान और शालीनता से अपनी बात कहेंगे तो उससे हमारा सम्मान ही बढ़ेगा। जो बात व्यक्ति बोलता है उससे उसकी सोच का पता लगता है। जोशी ने यह भी कहा कि मैं सभ्यता से बोलने का गुलाम हूं। शालीनता से बोलने का गुलाम हूं। मैं कभी किसी को गाली गलौज नहीं करता। मेरी किसी बात से कभी भी कोई खौफ पैदा नहीं होता। मैं शालीन तरीके से अपनी बातों को कहता हूं। जोशी ने कहा कि हम लोकतंत्र में रहते हैं हम फासिस्टवादी लोग नहीं है। जोशी ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के सवाल को टालते हुए कहा कि इस बारे में आप स्पीकर साहब से पूछिए आज यह जो इस कॉन्फ्रेंस की जा रही है यह सिर्फ एक बिंदु को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
ब्यूरोक्रेसी के कामकाज को लेकर एसीआर भरने के मामले में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कल भड़के हुए नजर आए थे। खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के अफरशाही के बेकाबू होने के बयान पर जोशी के लिए कहा था कि बेवजह गुलामी नहीं करनी चाहिए। आपने अगर गुलामी का ठेका ही ले लिया है तो लीजिए ना। खाचरियावास ने कहा कि महेश जोशी मुझसे 10—15 साल सीनियर नेता है। वे तो यह साफ बताएं कि आईएएस की एसीआर लिख रहे हैं क्या। अगर लिख रहे हैं तो इसका मतलब मुख्यमंत्री सचिवालय उनके साथ खड़ा है। यह सवाल व्यवस्था का है। महेश जोशी झूठ बोल रहे हैं। इधर उधर की बात क्यों कर रहे हैं। चलती तो मेरी भी आपसे ज्यादा हैं जो लड़ने और मरने की ताकत रखता है उस प्रतापसिंह को समझा रहे हैं क्या आप। जनता तय करेगी कि किसकी चलती है। मैंने एसीआर भरने का अधिकार मंत्रियों को देने का मुद्दा उठाया, मेरे मुद्दे का कोई खंडन करेगा तो बात सुनेगा।