गौरतलब है कि इसी थाने में हाल ही पहले डीजीपी कपिल गर्ग ने औचक निरीक्षण किया था और यहां कुछ खामियां देख उसे दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। जबकि दो दिन पहले ही थानाधिकारी सोहनचंद ने रींगस में घर में घुसकर मारपीट, छेड़छाड़ और जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर रजिस्ट्री कराने के मामले का गलत अनुसंधान करने के आरोप में तत्कालीन अनुसंधान अधिकारी और रींगस एसएचओ महेश कुमार बुनकर, सीआइडी सीबी के इंस्पेक्टर राजकुमार मीणा, सुपरविजन अधिकारी तत्कालीन एडीजी क्राइम, तत्कालीन आइजी एवं वर्तमान में एडीजी और हाल ही स्वैच्छीक सेवानिवृत्ति लेने वाले पूर्व आईपीएस के खिलाफ मामला दर्ज किया था। महिला ने वर्ष 2017 में मामला दर्ज कराया था, जिसकी जांच पुलिस मुख्यालय में सीआइडी सीबी ने की थी और जांच के बाद एफआर लगा दी थी। अब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से भी ज्योति नगर थाना पुलिस महकमे में चर्चा बन गया था।
इनका कहना सोहनचंद से पहले मैं ज्योति नगर थाने में था, मुझे ऐसा कोई दबाव महसूस नहीं हुआ। मैंने थाना जोइन किया था, तब वह कमिश्नरेट के थानों में 11वे पायदान पर था। लेकिन उसे तीसरे पायदान तक ले आया था।
वीरेन्द्र कुरील, तत्कालीन थानाधिकारी ज्योति नगर, हाल चित्रकूट थाना एसएचओ ने पत्र आपको दिया है, मेरे पास नहीं आया। एसएचओ से बातचीत कर पता किया जाएगा कि उसे क्या समस्या है। उसका समाधान करेंगे। इससे पहले एसएचओ इंटेलिजेंस ब्यूरो और ट्रैफिक में रह चुका। थाने में पहली बार पोस्टिंग है और थानों में काम का दबाव तो रहता है।
योगेश दाधीच, डीसीपी साउथ थानाधिकारी ने पारिवारिक समस्या के चलते इस्तीफा देने की बात कही है। बातचीत करने के बाद उसने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।
आनंद श्रीवास्तव, पुलिस कमिश्नर जयपुर मुझसे एसएचओ नहीं मिला है और ना ही उनका इस्तीफा मिला। आपसे जानकारी मिली है, पता करेंगे मानसिक तनाव किस चीज का है।
कपिल गर्ग, डीजीपी राजस्थान