घायल कमलेश यादव पुत्र गिरधारीलाल यादव ने बताया कि हम स्नान कर पिकअप में सवार होकर लौट रहे थे। मैं भी पिकपअ के पीछे डाले में बैठा था। पिकअप तेज गति से चल रही थी जिसे परिवार का ही सदस्य चला रहा था। जैसे ही लीलों की ढाणी (गुढ़ागौडज़ी) के पास पहुंचे थे, अचानक पिकअप ने पलटी खाई और फिर दूसरी पलटी खाई। दो पलटी खाने तक मुझे याद है। इसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं। मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया।
काफी वक्त बाद मुझे होश आया तो सड़क के बीच में पड़ा था। मैं हड़बड़ाया और सड़क के बीच में बैठ गया। चारों तरफ चित्कार ही सुनाई दे रहा था। चारों तरफ शव थे। मैंने उठने की कोशिश की तो मैं खड़ा नहीं हो पाया। मैरे दोनों बच्चे बेटा नैतिक व बेटी प्रियंका बिलख रहे थे, उनके चेहरों पर भी खून लगा था। उन्हें देखकर मैं फिर सन्न रह गया। मैनें फिर उठने की कोशिश की लेकिन आंतड़ियां टूट जाने से उठ नहीं पाया। फिर लोगों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया। पिकअप किससे टकराई और कैसे पलटी मुझे कोई जानकारी नहीं है।
हादसे ने छीन ली पूरे परिवार की जिदंगी
सुमेर के पिता गिरधारीलाल की मौत करीब पंद्रह दिन पहले हो गई थी। सामाजिक रीति रिवाजों के चलते परिवार के लोग मंगलवार को लोहार्गल में स्नान कर वापस लौट रहे थे। लीलों की ढाणी के पास यह सडक़ हादसा हो गया। हादसे में सुमेर के साथ ही उसकी पत्नी राजबाला व पुत्र करमवीर की मौत हो गई।
जिस पिकअप से हादसा हुआ वह मंगलवार को दो बार गुढ़ागौडज़ी थाने के सामने से गुजरी थी। लेकिन पुलिस ने उसे ना रोका ना ही टोका। इस बारे में एसपी प्रदीप मोहन शर्मा ने कहा कि हादसे की जांच कराई जाएगी। लापरवाही करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।