दरअसल, वन विभाग के अफसरों ने 7 अक्टूबर को आनन फानन में सफारी का उद्घाटन कराया था। लेकिन उद्घाटन के दिन से 31 दिन तक वाहन ही उपलब्ध नहीं हुए। ऐसे में पर्यटक सफारी नहीं कर सके थे। लेकिन, पूरे मामले की शिकायत पहुंची वन मंत्री संजय शर्मा तक पहुंचने के बाद वाहन उपलब्ध कराए गए और अब पर्यटकों के लिए नाहरगढ़ जैविक उद्यान में टाइगर सफारी शुरू हो चुकी है। खास बात है कि
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में लॉयन सफारी भी संचालित हो रही है। ऐसे में अब यह प्रदेश का पहला जैविक उद्यान भी बन गया है जहां दो-दो सफारी संचालित हो रही हैं।
सफारी का शुल्क 252 रुपए
डीएफओ जगदीश गुप्ता ने बताया 8 किलोमीटर लंबा सफारी ट्रैक बनाया गया है। पर्यटक वाहन में सवार होकर 45 मिनट तक सफारी का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए पर्यटकों को 252 रुपए का शुल्क देना होगा, जिसमें जैविक उद्यान का प्रवेश शुल्क 52 रुपए शामिल है। नाहरगढ़ में टाइगर सफारी को साढ़े चार करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। जिसमें फेंसिंग, आउटर ट्रेक और गार्ड रूम भी बनाए गए हैं। इसके सात ही वाटर पॉइंट और 10 शेल्टर लगाए गए हैं।