प्राकृतिक सामग्री का होता उपयोग
वीगन और ईको-फ्रेंडली टैटू पारंपरिक टैटू से बिल्कुल अलग होते हैं, क्योंकि इनमें इस्तेमाल होने वाली स्याही और सामग्री प्राकृतिक और हानिरहित होती है। जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता है। वीगन टैटू में किसी भी तरह के पशु उत्पाद नहीं होते हैं। पारंपरिक टैटू स्याही में कभी-कभी पशु स्रोतों से बने तत्व होते हैं। वहीं, वीगन टैटू स्याही में ऐसे रंग होते हैं जो केवल पौधों से प्राप्त होते हैं या सिंथेटिक रूप से बनाए जाते हैं। ईको फ्रेंडली टैटू बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली स्याही, स्टेंसिल और अन्य सामग्रियों में कोई जहरीले रसायन, भारी धातुएं या प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाता है। पारंपरिक टैटू स्याही में अक्सर भारी धातुएं जैसे लेड, पारा और कैडमियम का इस्तेमाल किया जाता है, जो न केवल त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं, बल्कि इनसे पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ सकता है। ईको-फ्रेंडली और वीगन टैटू में इन हानिकारक तत्वों का बिल्कुल भी उपयोग नहीं होता है। -मंजीत (टैटू आर्टिस्ट )
ऊर्जा की बचत के लिए भी अपना रहे उपाय
ईको फ्रेंडली टैटू बनाने की प्रक्रिया पर्यावरण के लिए नुकसानदायक न हो, इसलिए ऐसे उपकरणों और सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है, जो रीसाइकल करने योग्य हो या वह पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती हो। इसके अलावा, टैटू पार्लर में ऊर्जा की बचत के उपाय भी अपनाए जा रहे हैं। जिसमें
सौर ऊर्जा या वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम भी शामिल है। वीगन टैटू स्याही को तैयार करने में पारंपरिक स्याही की तुलना में अधिक सावधानी बरती जाती हैं। इसमें उपयोग की जाने वाली सामग्री आमतौर पर पौधों सूरजमुखी तेल, चाय के पत्ते, कुछ
खनिज आदि से प्राप्त होती हैं। ईको फ्रेंडली टैटू की सामग्री पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल होती है। जनरेशन जेड पर्यावरण संरक्षण के प्रति काफी सक्रिय है। टैटू बुकिंग में जनरेशन जेड ईको फ्रेंडली टैटू बनवाना ही पसंद कर रही हैं।
– जेनिल (टैटू आर्टिस्ट)
सोशल मीडिया से मिली मदद
चित्रकूट नगर निवासी छाया ने बताया कि वह टैटू बनवाना चाहती थीं। सोशल मीडिया पर कई नामी टैटू आर्टिस्ट को वीगन और पर्यावरण फ्रेंडली टैटू का प्रचार-प्रसार करते देखा। फिर इसके बारे में पूरी जानकारी ली और यही टैटू बनवाया, ताकि पर्यावरण को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचे।