वर्तमान में जयपुर डिस्कॉम के तकनीकी कर्मचारी अपने हिसाब से इन ग्रिड स्टेशनों का संचालन कर रहे हैं। ट्रिपिंग की अवधि और बिजली कटौती का सटीक डेटा स्काडा सॉटवेयर में रिकॉर्ड नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों की ओर से दर्ज की गई जानकारी पर ही प्रबंधन को निर्भर रहना पड़ रहा है जिससे ग्रिड रखरखाव में हो रही लापरवाही का सटीक आंकड़ा भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
गौरतलब है कि मानसून के बाद शहर में दीपोत्सव पर्व पर संभावित विद्युतभार को देखते हुए जयपुर डिस्कॉम इन दिनों बिजली मेंटीनेंस वर्क कर रहा है। चिन्हित इलाकों में बिजली शटडाउन की आम सूचना तो डिस्कॉम जारी करता है लेकिन रियल टाइम में कितने समय तक शटडाउन रहा और कितनी बिजली कटौती हुई इसका सटीक डेटा जीएसएस में संधारित नहीं हो रहा है। डिस्कॉमकर्मी अपने हिसाब से बिजली आपूर्ति शुरू और बंद कर देते है जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव डिस्कॉम के ग्रामीण खंडों में पड़ता है। जयपुर जिले के ग्रामीण खंड के कई कस्बों में सुर्यास्त होते ही बिजली कटौती शुरू होना आम बात है। ग्रिड स्टेशन पर पता करने पर निगमकर्मी आगे से बिजली बंद होने का बहाना कर उपभोक्ताओं को टरका देते हैं। मामले में डिस्कॉम के आला अफसर भी सूचना देने के बावजूद ग्रिड स्टेशन से पता करने का रटा रटाया जवाब उपभोक्ताओं को सुना कर मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं।