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जयपुर

मौके पर पहुंची एंबूलेंस, खुद ले जाने की नसीहत देकर लौटी एंबूलेंस – तड़पता रहा घायल, खाली लौटी 108 एंबूलेंस

-सड़क दुर्घटना में दो सौ फीट एक्सप्रेस बाईपास घायल हो गया था बुजुर्ग, सूचना पर 108 एंबूलेंस पहुंची, लोगों को अपने स्तर पर ही अस्पताल पहुंचाने की नसीहत

जयपुरDec 14, 2017 / 02:43 pm

Vikas Jain

jaipur accident

hangama

जयपुर।

राजधानी सहित प्रदेश में लोगों के लिए संजीवनी बनी 108 एंबूलेंस का दूसरा चेहरा भी देखने को मिला।

मंगलवार रात को दो सौ फीट एक्सप्रेस हाईवे पर एक सड़क दुर्घटना में बुजुर्ग के घायल होने की सूचना पर 108 एंबूलेंस मौके पर पहुंची, लेकिन एंबूलेंस में उपस्थित कर्मी बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाने की बजाय लोगों को यह नसीहत देने लगे इसको तो आप अपने स्तर पर ही अस्पताल पहुंचा देना और खाली एंबूलेंस लेकर सड़क पर पड़े बुजुर्ग को वहीं छोड़ वापस लौट गए। इससे मौके पर उपस्थिति लोगों में आक्रोश हो गया।
सूचना पर पहुंचे बुजुर्ग के परिजनों ने घायल को एसएमएस अस्पताल पहुंचाकर भर्ती करवाया। जहां पर चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर बताई है।

लोगों का आरोप है कि एंबूलेंसकर्मियों ने ही बुजुर्ग का मोबाइल लेकर उसके परिजनों को फोन कर घटनास्थल पर बुलाया था। गौरतलब है कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए भीमसिंह का अस्पताल में उपचार चल रहा है। यहां पर भीमसिंह के भतीजे लक्ष्मण सिंह व अन्य परिजनों ने 108 एंबूलेंस के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा कि ऐसे में तो एंबूलेंस की लापरवाही से किसी कि जान भी जा सकती है। उन्होनें कहा कि हम तो कुछ समय रहते घटनास्थल पर पहुंच गए, किसी के परिजन नहीं हो तो वे लोग तो एंबूलेंसकर्मियों की लापरवाही के कारण सड़क पर ही दम तोड़ दे।
जानकारी के मुताबिक घायल भीमसिंह (70) मूलत मित्रपुरा, सवाईमाधोपुर के रहने वाले है और यहां भतीजे नितिन के साथ जगन्नाथपुरी त्रिवेणी नगर में रहते है। मंगलवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे स्कुटी से शादी समारोह से लौट रहे थे। तभी किसी वाहन ने स्कुटी को टक्कर मार दी। सड़क पर बुजुर्ग को लहुलुहान देख किसी राहगीर की सुचना पर 108 एंबूलेंस मौके पर पहुंची थी। एंबूलेंसकर्मी ने बुजुर्ग के मोबाइल से ही भतीजे नितिन को फोन कर कहा कि किसी वाहन ने इनको टक्कर मार दी है। जितना जल्दी हो सके आप यहां आ जाओ। नितिन ने एंबूलेसकर्मी को उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा, लेकिन उन्होनें नहीं सुनी।
परिजनों के पहुंचने से पहले ही एंबूलेंसकर्मी बुजुर्ग को सड़क पर तड़पता छोड़ खाली एंबूलेंस लेकर लौट गए। करीब पौने घंटे में परिजन मौके पर पहुंचे तो वहां लोगों की भीड़ लगी मिली। परिजनों ने निजी वाहन से घायल को अस्पताल पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी एंबूलेंसकर्मियों से घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा था लेकिन उनका दिन नहीं पसीजा। अब बुजुर्ग की हालत गंभीर बनी हुई है और सिर में खुन के थक्के जम गए है। परिजनों का आरोप है कि समय पर एंबूलेंस अस्पताल पहुंचा देती तो इतनी गंभीर स्थिति नहीं होती।
प्रत्येक फेरे का मिलता है पैसा

108 एंबूलेंस को मरीज को लाने व ले जाने के प्रत्येक फेरे के हिसाब से भुगतान मिलता है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि मंगलवार रात के इस फेरे को एंबूलेंसकर्मियों ने कैसे इंद्रज किया होगा।108 एंबूलेंस को प्रत्येक कॉल पर जाने से पहले रजिस्टर में इन्द्राज भी करना पड़ता है। वहीं वापस लौटने के बाद भी लॉगबुक में रिपोर्ट लिखनी पड़ती है।

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