बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान प्रभारी डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने जयपुर में संगठन चुनावों की समीक्षा बैठक के दौरान इन बदलावों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बीजेपी न केवल देश में लोकतंत्र स्थापित करती है, बल्कि संगठन के भीतर भी लोकतंत्र का पालन करती है। हर 6 साल में पार्टी नए सिरे से संगठन का निर्माण करती है। बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के सभी सदस्य अपनी सदस्यता नवीनीकरण करते हैं।
संगठन में ये नए नियम लागू
बता दें, मंडल और जिला अध्यक्षों के लिए इस बार उम्र का बैरियर लगाया गया है। राजस्थान प्रभारी डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने मीडिया बातचीत करते हुए कहा कि इस बार मंडल अध्यक्ष के लिए 35 से 45 वर्ष की उम्र सीमा तय की गई है। वहीं जिला अध्यक्ष के लिए 60 साल उम्र निर्धारित की गई है। ऐसे में वर्तमान में करीब आधा दर्ज जिला अध्यक्षों की उम्र साठ साल से पार है, ऐसे में उनका हटना तय है। इसी वजह से वर्तमान मंडल अध्यक्षों में ज्यादातर इस दायरे से बाहर हो गए हैं। वहीं कुछ जिला अध्यक्षों को पद पर लंबी अवधि निष्क्रियता और अन्य कारणों से हटाया जाएगा। इसके अलावा नए नियमों के मुताबिक 35 साल से कम के युवा बीजेपी युवा मोर्चा में काम करेंगे। ये भी जानकारी सामने आई है कि इसी वजह से संगठन में बदलाव की प्रक्रिया में देरी हो रही है।
तीन-तीन नामों के मंगवाए पैनल
सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने मंडल अध्यक्षों के तीन नाम के पैनल प्रभारियों से मंगवाए गए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से एक नाम सर्वसम्मति से तय किया जाएगा या फिर आवश्यकता होने पर चुनाव कराया जाएगा। वहीं जिला अध्यक्षों के नाम भी लगभग तय कर लिए गए हैं। इनमें फॉर्म भरवाए जाएंगे यदि एक से ज्यादा ने फॉर्म भरे तो समझाइश कर सर्वसम्मति बनाई जाएगी। युवा कार्यकर्ताओं को मिलेगा बड़ा मौका
बीजेपी ने स्पष्ट किया कि 35 साल तक के कार्यकर्ता युवा मोर्चा में काम करेंगे। इसके बाद 35-45 वर्ष की उम्र में मंडल अध्यक्ष और 45-60 वर्ष तक जिला अध्यक्ष बनने का अवसर मिलेगा। 60 वर्ष से अधिक आयु वाले नेताओं को दूसरी जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। वहीं, ये भी जानकारी सामने आई है कि बीजेपी ने वरिष्ठ नेताओं के योगदान को सम्मान देते हुए कहा कि जो नेता मंडल, जिला, प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष के तौर पर काम कर चुके हैं, उन्हें पुनः वही भूमिका नहीं दी जाएगी। इसके बजाय उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
इससे पहले प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा था कि पुराने पत्ते गिरेंगे और नई कोंपलें आएंगी। यह संगठन की स्वाभाविक प्रक्रिया है। पार्टी में अनुशासन, शुचिता, और सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं होगा।
अंतिम चरण में संगठन के चुनाव
गौरतलब है कि राजस्थान बीजेपी के संगठन में बदलाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मंडल अध्यक्ष की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अगले 4-5 दिनों में जिला अध्यक्षों की सूची केंद्रीय इकाई को भेज दी जाएगी। केंद्रीय संगठन नामों की समीक्षा करेगा और क्राइटेरिया के अनुरूप चयन करेगा। इसको लेकर राधामोहन दास ने कहा था कि हम हर 6 साल में संगठन को नए सिरे से खड़ा करते हैं। हमारी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सामूहिक नेतृत्व प्राथमिकता में है। बीजेपी के लिए यह बदलाव जरूरी है ताकि पार्टी में नई ऊर्जा आए और युवा नेतृत्व को मंच मिले।