एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक सवाईमाधोपुर-दौसा-बूंदी खंड के बीच करीब 27 किलोमीटर का काम तो अप्रेल से पहले पूरा होने की उम्मीद है। वहीं, कोटा के पास बन रही टनल का काम सितम्बर के अंत तक पूरा होने के आसार हैं। यह काम 2024 तक ही पूरा होना था, लेकिन टनल के काम में कुछ दिक्कतें आने और अन्य समस्याओं के चलते कार्य पूरा होने में समय लग रहा है।
जयपुर-बांदीकुई का काम जल्द पूरा होने की उम्मीद
इस एक्सप्रेस-वे को जयपुर से जोड़ने के लिए बांदीकुई से जयपुर तक चार लेन का एक्सप्रेस-वे भी बन रहा है। 67 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे का काम मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। सबसे पहले सोहना-दौसा पर शुरू हुआ था ट्रैफिक
इस एक्सप्रेस-वे पर सबसे पहले सोहना से दौसा के पास भांडारेज तक ट्रैफिक शुरू हुआ था। इस खंड का लोकार्पण पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था। इसके बाद से इस एक्सप्रेस-वे को बनाने का काम तेजी से चल रहा है। एनएचएआइ की कोशिश है कि इस साल के अंत तक या फिर अगले साल की पहली तिमाही में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो जाए और ट्रैफिक भी शुरू हो जाए। इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-मुम्बई के बीच की दूरी करीब 1 हजार 386 किलोमीटर होगी। बारह घंटे में यह सफर पूरा करने का दावा किया गया है।
आठ लेन से शुरूआत, 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा
यह एक्सप्रेस-वे वर्तमान में आठ लेन का है। इसे भविष्य में ट्रैफिक के हिसाब से 12 लेन तक किया जा सकेगा। एनएचएआइ ने जमीन अधिग्रहण इसी तरह से किया है कि भविष्य में यदि एक्सप्रेस-वे में लेन बढ़ानी पड़े तो फिर से जमीन अधिग्रहण की जरूरत ना पड़े। इस एक्सप्रेस-वे पर छोटे वाहन वर्तमान में 120 की अधिकतम स्पीड से चल रहे हैं, जिसे भविष्य में बढ़ाकर 140 की स्पीड की जा सकती है।