सीजन में पहली बार बेणेश्वरधाम बना टापू
डूंगरपुर के साबला क्षेत्र में लगातार बारिश होने के साथ ही माही डेम के 16 गेट व सोम कमला बांध के दो गेट खोलने से शनिवार देर रात्रि को वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम इस मानसून सत्र में पहली बार टापू बन गया है। सोम, माही एवं जाखम नदियों में पानी उफान पर है तथा पानी तेज गति से बह रहा है। बेणेश्वर धाम के टापू बनने से धाम में पुजारी स्थित वहां के दुकानदार एवं पुलिस जवान मौजूद है। हालांकि, सभी सुरक्षित है।
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कोटा बैराज, भीमसागर, पाली जवाई बांध के भी गेट खोले
कोटा में तेज हवा संग मूसलाधार बारिश हुई। चम्बल के कैचमेंट एरिया में मूसलाधार बारिश से कोटा बैराज के 2 गेट खोलकर 7598 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। कोटा में पिछले 24 घंटे में 30 मिमी बारिश दर्ज की गई। मध्यप्रदेश में हो रही तेज बारिश की वजह से ताकली बांध के सभी 13 गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई है। झालावाड़ के डग व चौमहला में 150 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। झालावाड़ के भीमसागर बांध के दो गेट खोलकर 33 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। मिश्रोली क्षेत्र में राजगढ़ बांध के दो गेट खोले गए। छापी बांध के 2 गेट खोलकर 2791 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। गागरीन बांध भरने के बाद चादर चलने लगी। वहीं पाली के जवाई बांध में पानी की आवक तेज हुई तो उसका तीसरा दरवाजा खोलना पड़ा। बांध से 8,595 क्यूसेक पानी ही जवाई नदी में छोड़ा गया।
कोटा से धौलपुर तक हाईअलर्ट
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रविवार सुबह तक पानी छोड़ने के बारे में निर्णय होगा। कोटा से लेकर धौलपुर तक हाईअलर्ट जारी कर दिया है। चम्बल रिवरफ्रन्ट बनने के बाद पहली बार पानी छोडा जा सकता है। गांधी सागर बांध का जल स्तर 1303.19 फीट पहुंच गया है। ऐसे में कभी भी गेट खोले जा सकते हैं।
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