पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपी, जोकि अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं, उनके विरुद्ध जयपुर के बिल्डर्स, व्यापारी और रसूखदारों से रंगदारी मांगने के कई मामले सामने आए। आरोपियों के पास जेल में बार-बार मोबाइल पहुंचने की जानकारी सामने आई। इस पर डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया।
ऐसे कड़ी से कड़ी जोड़ती गई पुलिस
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि चित्रकूट थाना पुलिस ने नीमराना के खुदरोठ निवासी विक्रम सिंह उर्फ कालू को पकड़ा। आरोपी के पास देशी कट्टा व दो मोबाइल मिले। पूछताछ में उसने बताया कि वह दोनों मोबाइल अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुमित यादव तक पहुंचाने जा रहा था। हथियार जितेन्द्र चौधरी ने दिए और जेल तक पहुंचने के लिए बाइक रामस्वरूप चौधरी देता। आरोपी रामस्वरूप हत्या के एक मामले में जयपुर जेल में बंद था और जयपुर जेल में ही उसकी मुलाकात सुमित यादव से हुई थी। आरोपी रामस्वरूप ने सुमित यादव की जेल में कैंटीन का सामान पहुंचाने वाले गंगाराम गुर्जर और उसके साथी नरेश व साहिल से मुलाकात करवाई थी। नरेश ने सुमित यादव की हाई सिक्योरिटी जेल के जेल प्रहरी पवन व विक्रम से मुलाकात करवा दी। पवन व विक्रम को पैसे देकर सुमित व उसकी गैंग के साथी शूटर रोहित राठौड़, नितिन फौजी व अन्य सदस्य जेल के अंदर मोबाइल व अन्य सुख-सुविधा ले रहे थे। जबकि बाहर से वसूली जाने वाली रंगदारी गंगाराम गुर्जर जेल के अंदर कैंटीन के सामान के साथ पहुंचा देता था। गत 16 मार्च को जेल प्रहरी विक्रम का मेड़ता सिटी जेल में तबादला हो गया था।
सीसीटीवी कैमरे लगाने व मरम्मत करने वाले को किया शामिल
डीसीपी ने बताया कि जेल प्रहरी व गैंग के अन्य सदस्यों ने हाई सिक्योरिटी जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने व मरम्मत करने वाले राकेश जांगिड़ को गैंग में शामिल कर लिया। राकेश कैमरे मरम्मत करने के बहाने ड्रिल मशीन में मोबाइल छिपाकर सुमित यादव तक पहुंचा चुका था।
पैसों के लेन-देन में व्यापारी ही गैंग को देते सूचना, गिरफ्तार
डीसीपी अमित कुमार ने बताया के आपसी लेन-देन के विवाद के चलते कई व्यापारी आपराधिक गैंग की मदद ले रहे हैं। शिप्रापथ थाना और झोटवाड़ा थाना पुलिस ने गैंग से संपर्क कर धमकी दिलाने के मामले में व्यापारियों को गिरफ्तार कर चुकी।