विश्वस्त सूत्रों ने भी इसी सप्ताह नौकरशाहों के तबादलों की सूची जारी होने के संकेत दिए हैं। नौकरशाही में बड़े बदलाव के जरिए गहलोत सरकार एक बार फिर गुड गर्वेंनस का संकेत देना चाहती है। जानकारों की माने तो सरकार में उच्च स्तर पर तबादला सूची को लेकर मंथन हो रहा है और जल्द ही नौकरशाही की बड़ी तबादला सूची सामने आ सकती है।
एक दर्जन कलेक्टर्स के नाम तबादला सूची में
विश्वस्त सूत्रों की माने तो गहलोत सरकार जिन आईएएस अधिकारियों को इधर-उधर करना चाहती है उनमें एक दर्जन जिलों के कलेक्टर्स भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कई कलेक्टर्स के काम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी खुश नहीं है तो वहीं सरकार के कई मंत्री-विधायकों ने भी कलेक्टर्स के कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत की है।
ऐसे में माना जा रहा है कि एक दर्जन कलेक्टर्स को मंत्री-विधायकों की नाराजगी का खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। गौरतलब है कि जयपुर कलेक्टर को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी मोर्चा खोला हुआ है। हाल ही में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में भी खाचरियावास ने जयपुर कलेक्टर को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।
एक दर्जन आईपीएस भी होंगे इधर- उधर
वहीं दूसरी ओर सरकार एक दर्जन आईपीएस अधिकारियों का भी तबादला करने जा रही है। इनमें कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी बदला जाएगा तो जयपुर और जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सूची को है मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार
सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की माने तो आईएएस-आईपीएस और आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची को लेकर सरकार में होमवर्क पूरा हो चुका है और लगभग तबादला सूची बनकर तैयार है, लेकिन तबादला सूची को अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी का इंतजार है। मुख्य मुख्यमंत्री गहलोत की मंजूरी के बाद ही तबादला सूची जारी हो जाएगी।
तबादलों के पीछे एक वजह यह भी
दरअसल नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी के पीछे एक वजह सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी भी है । सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री- विधायकों ने भी सरकार पर नौकरशाही में बदलाव करने का दबाव बनाया हुआ है। कई विधायक और मंत्री तो अपने-अपने इलाकों के जिला कलेक्टर और एसपी को बदलने की मांग कई बार मुख्यमंत्री गहलोत से कर चुके हैं। हालांकि तब मुख्यमंत्री गहलोत ने मंत्री-विधायकों को कोरोना महामारी का हवाला देकर शांत करा दिया था।