बता दें कि बाबा हरिशचंद्र मार्ग पर हवाला कारोबारी का कार्यालय है। जहां कर्मचारी विपुल काम करता है। विपुल एक पार्टी से 20 लाख रुपए लेकर आ रहा था। जब विपुल रुपए लेकर अपने कार्यालय के पास पहुंचा तो वहां उसे दो पुलिसकर्मी मिले। दोनों पुलिसकर्मियों ने विपुल की बाइक को रोक लिया। इस दौरान दोनों पुलिसकर्मियों ने पहले से एक युवक को रोका हुआ था। जिसके बैग की वह जांच कर रहें थे। विपुल को रोककर पुलिसकर्मियों ने अपना आईडी कार्ड दिखाया और कहा कि तुम्हारे बैग की जांच कराओ। वह बैग में ड्रग्स की जांच कर रहें है। इस पर विपुल ने उनसे बात की तो पुलिसकर्मियों ने कहा कि जाकर तुम्हारे मालिक को बुला लाओ। यह सुनकर विपुल अपने मालिक को बुलाने के लिए गया। मालिक को लेकर जब वापस आया तो 20 लाख रुपए से भरा बैग और विपुल की बाइक लेकर फर्जी पुलिसकर्मी भाग गए।
योजना बनाकर दिया गया वारदात को अंजाम..
पुलिस का मानना है कि ठगी की वारदात को योजना बनाकर अंजाम दिया गया है। बदमाशों की ओर से संभवत पहले रैकी की गई है। जिसकी वजह से बदमाशों को हवाला कारोबारी और उसके कर्मचारी के कामकाज की जानकारी थी। वहीं एक युवक के बैग की बदमाश पहले से जांच कर रहे थे। जिसे देखकर विपुल ने विश्वास किया कि पुलिसकर्मी जांच कर रहे है। ऐसे में हो सकता है कि वह युवक भी बदमाशों के गिरोह का सदस्य हो।
पुलिस खंगाल रही सीसीटीवी फुटेज..
फर्जी पुलिसकर्मियों की ओर से ठगी की वारदात के बाद अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुट गई है। पुलिस के हाथ कुछ फुटेज लगे है। जिसमें बदमाश बाइक लेकर जाते दिख रहे है। इसके अलावा ओर भी फुटेज खंगाले जा रहे है। पुलिस की ओर से नाकाबंदी में भी जांच की जा रहीं है। पुलिस का मानना है कि जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।