राजस्थान में दिसंबर माह का समय पर्यटन के लिहाज से सबसे पीक समय होता है। शीतकालीन अवकाश के दौरान लाखों पर्यटक राजस्थान आते हैं और दूसरे राज्यों में घूमने का प्लान बनाते हैं। लेकिन अवकाश की तिथियां तय नहीं होने पर इस कारोबार को झटका लगने की आशंका है। राजस्थान के सालाना पर्यटन कारोबार का 80 प्रतिशत दिसंबर माह में माना जाता है। हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए शिविरा पंचांग में सत्र 2024-25 के लिए शीतकालीन अवकाश को फिलहाल बरकरार रखा गया है। इसमतें शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर से 6 जनवरी तक दिया गया है।
पढ़ाई का नुकसान, इस बार भी बदलाव के संकेत
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि इस बार भी सर्दियों का अवकाश पूर्व निर्धारित तिथियों पर देने की बजाय सर्दी पड़ने पर ही घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आमतौर पर शीतकालीन अवकाश 25 से 31 दिसंबर तक दिया जाता है। लेकिन शीतकालीन अवकाश के बाद भी कड़ाके की सर्दी के कारण स्कूलों में छुट्टियां की जाती हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई का नुकसान होता है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है जब प्रदेश में कड़ाके की सर्दी हो तभी स्कूलों को बंद किया जाएगा, ताकि बच्चों के पढ़ाई का नुकसान नहीं हो सके।
तय नहीं होगा, किस माह पड़ेगी तेज सर्दी
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 के बाद जनवरी में कड़ाके की सर्दी पड़ी थी। तेज सर्दी को देखते हुए जयपुर सहित कई जिलों में कलक्टरोें को स्कूलों की छुट्टी घोषित करनी पड़ी थी। दरअसल, प्रदेश में नवंबर माह से ही सर्दियों का मौसम शुरू हो जाता है, जो फरवरी माह तक कभी तेज तो कभी कम सर्दी के रूप में रहता है। ऐसे में यह तय नहीं हो पाएगा कि शीतकालीन अवकाश किस समय रहेगा। हालांकि आमतौर पर मकर संक्रांति क बाद प्रदेश में सर्दी का प्रकोप कम हो जाता है। इसे देखते हुए ही पूर्व में दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में यह अवकाश रखा जाता रहा है। पर्यटन पर इस तरह पड़ेगा असर
राजस्थान के कई शहर पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है। जिनमें जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, जैसलमेर, चित्तौड़गढ, कुंभलगढ़, पुष्कर मुख्य हैं। स्थानीय पर्यटक सर्दियों के अवकाश में संक्षिप्त भ्रमण की योजना इन शहरों के लिए भी बनाते हैं। लकिन अवकाश तय नहीं होने पर पहले से रेल, एयर और बस टिकट की बुकिंग नहीं करवा पाएंगे।