राजस्थान में रेड और यलो जोन के 3 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का ड्रोन बिना अनुमति नहीं उड़ाया जा सकेगा। ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए डिजिस्काई ऐप पर सूचना देनी होगी।
ड्रोन उड़ाने के लिए एयर ट्रैफिक कन्ट्रोल (एटीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से अनुमति लेने के लिए डिजिस्काई पोर्टल पर आवेदन करना होगा। यहां पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति देने या नहीं देने का निर्णय होगा। एटीसी से ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति देने वालों की सूची संबंधित जिला पुलिस व थाने को भेजी जाएगी। इसके आधार पर पुलिस ड्रोन उड़ाने वालों पर नजर रख सकेगी।
केन्द्र सरकार ने ड्रोन को पांच श्रेणी में बांट रखा है। इनमें नैनो (250 ग्राम से कम बजन का ड्रोन) सबसे छोटी श्रेणी में है। इसे उड़ाने पर प्राय: अनुमति की जरूरत नहीं थी। अन्य श्रेणी के ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना पहले भी जरूरी था। अब एटीसी के दायरे में नैनो सहित अन्य सभी श्रेणी के ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
– नैनो: 250 ग्राम से कम वजन
– माइक्रो: 250 से एक किलो तक
– मिनी: एक किलो से 20 किलो तक
– स्मॉल: 20 किलो से 150 किलो तक
– लार्ज: 150 किलो से अधिक
राजस्थान की सीमा पाकिस्तान से सटी है। यहां आए दिन जासूस पकड़े जा रहे हैं। सामरिक व सैन्य क्षेत्र के लिहाज से राजस्थान महत्वपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर में लगातार ड्रोन मिलने के बाद अब राजस्थान में ड्रोन पर निगरानी शुरू कर दी गई है। अभी शादियों, पर्यटन स्थल सहित अन्य स्थानों पर बिना अनुमति ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं।
– उमेश मिश्रा, इंटेलिजेंस एडीजी, राजस्थान
– राहुल प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, जयपुर कमिश्नरेट