उधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री
सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार ने सत्ता पर आसीन होने के साथ ही लगातार अमीर-गरीब के बीच की खाई को बढ़ाने का काम किया है। चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी मशीनरी, एजेंसियों एवं नीतियों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। बीते दिनों हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सेबी को लेकर हुए खुलासों ने सभी को चौंका दिया है।
ये है पूरा मामला
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता का आरोप भी लगा चुका है। तब से इसकी हर रिपोर्ट चर्चा में रहती है।
आखिर कौन है माधबी पुरी बुच, जिनपर लगे हैं आरोप
माधबी पुरी बुच सेबी की चेयरपर्सन हैं। वे इस पद पर नियुक्त होने वाली प्राइवेट सेक्टर में पहली महिला बनीं हैं। बता दें कि उनकी नियुक्ति 28 परवरी 2022 में हुई। माधबी पुरी बुच का कार्यकाल तीन साल के लिए है।