दिल्ली—मुम्बई एक्सप्रेस वे एशिया का दूसरा सबसे बडा एक्सप्रेस वे है। यह एक्सप्रेस वे राजस्थान के सात जिलों अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा से गुजर रहा है। 1380 किमी लंबे एक्सप्रेसवे में 373 किमी हिस्सा राजस्थान में आता है। राजस्थान में 277 अंडरपास, 152 ब्रिज, 2 ओवरपास, 12 फ्लाईओवर और 7 आरओबी बन रहे हैं। राजस्थान में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 12 जगहों पर इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी। इन्हीं इंटरचेंज से एक्सप्रेसवे पर वाहन एंट्री कर पाएंगे।
इन जगहों से जा सकते हैं एक्सप्रेस वे पर राजस्थान में एक्सप्रेस-वे पर 12 जगहों पर इंटरचेंज की सुविधा होगी। नौगांव (अलवर) , बड़ौदा मेव लक्ष्मणगढ़ (अलवर), पिनान राजगढ़-मंडावर रोड, भांडारेज (दौसा), डूंगरगांव (लालसोट) दौसा, चिमनपुरा गांव (लालसोट) दौसा, मुई गांव (सवाई माधोपुर), इंद्रगढ़ गांव (बूंदी), सीमल्या (कोटा), चेचट (कोटा), दरा (कोटा) और रावतभाटा (चित्तौड़गढ़) में इंटरचेंज होंगे।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को जयपुर से जोड़ने के लिए 6 लेन लिंक एक्सप्रेस वे भी बनेगा। एनएचएआई बांदीकुई से लेकर बगराना के पास जयपुर रिंग रोड तक एक्सप्रेस वे बनाएगी। माना जा रहा है कि इसका काम जुलाई से शुरू हो जाएगा। करीब डेढ से दो साल में यह एक्सप्रेस वे बन कर तैयार हो जाएगा। बांदीकुई से जयपुर तक बनने वाला यह लिंक एक्सप्रेस वे करीब 47 किलोमीटर का होगा।