पालीवाल ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही बारां कांग्रेस के नगर अध्यक्ष गौरव शर्मा को जमीन विवाद में गोली मार दी गई। इतना ही नहीं प्रदेश में आए दिन दुष्कर्म की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। कुछ दिन पहले उदयपुर में दुष्कर्म के बाद एक मासूम की हत्या कर शव के टुकड़े कर दिए गए थे। डूंगरपुर में एक प्रिंसिपल स्कूल की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने से नहीं डरता। अपराधी के साथ पुलिस कार्रवाई करती है तो केवल दिखावे के लिए।
अपराधियों को दोनों पार्टियों का संरक्षण
पालीवाल ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था बीजेपी और कांग्रेस कभी नहीं सुधार सकती, क्योंकि अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को कहीं न कहीं बीजेपी और कांग्रेस का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। इसलिए इन दोनों ही दलों से अपराध कंट्रोल नहीं किया जा सकता।
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तो अपराधों में टॉप पर नहीं होता राजस्थान
उन्होंने कहा कि जितनी गंभीरता मुख्यमंत्री ने पिछले साढ़े चार सालों में अपनी कुर्सी को बचाने में दिखाई और अब चुनावों को लेकर दिखा रहे हैं। अगर उतनी गंभीरता से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर ध्यान देते तो आज राजस्थान NCRB के अनुसार अपराध में टॉप पर नहीं होता। लेकिन मुखिया तो कुर्सी के मोह में वापस चुनावी यात्राओं और घोषणाओ में व्यस्त हो गए हैं और राज्य की कानून व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़ रखा है।