वेबसीरीज ‘वकील साहिबा’ में बाल विवाह के दुष्परिणाम, इसी माह ओटीटी पर होगी रिलीज
बाल विवाह एक ऐसी कुप्रथा है जिसका खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ता है जिन्हें इस बंधन में जबरन बांध दिया जाता है।
वेबसीरीज ‘वकील साहिबा’ में बाल विवाह के दुष्परिणाम, इसी माह ओटीटी पर होगी रिलीज
बाल विवाह एक ऐसी कुप्रथा है जिसका खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ता है जिन्हें इस बंधन में जबरन बांध दिया जाता है। खासतौर पर लड़कियों को। कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा राजस्थानी वेबसीरीज ‘वकील साहिबा’ में, जो इसी माह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने जा रही है। निर्देशक और पटकथा लेखक गजेंद्र क्षोत्रिय ने बताया कि वेबसीरीज बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों को बताने के साथ एक संदेश भी देने का प्रयास किया है। राजधानी जयपुर और आसपास के इलाके में शूट की गई इस वेबसीरीज की कहानी एक ऐसी लडक़ी की है, जिसका बाल विवाह कर दिया जाता है। उसकी पढ़ाई छूट जाती है, बड़े होने पर पति के जीवन में दूसरी लडक़ी आ जाती है और उसे घर छोडऩा पड़ता है। इसके बाद भी लडक़ी हिम्मत नहीं हारती, वह अपने माता पिता के घर आती है और अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर वकील बनती है। वहीं दूसरी ओर उसका पति एक हत्या के केस में फंस जाता है, तब ससुराल पक्ष लडक़ी की मदद लेता है और वह अपने पति का केस लड़ती है। क्षोत्रिय ने बताया कि वेबसीरीज में ना केवल बाल विवाह से होने वाले नुकसान को दर्शाया गया है बल्कि एक संदेश देने का प्रयास भी किया गया है कि बेटियों को बोझ नहीं समझा जाए, उन्हें मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि वह अपनी प्रतिभा से समाज में अपना मुकाम बना सकती है।
क्षोत्रिय के मुताबिक आठ एपिसोड की इस वेबसीरीज में अपूर्व चतुर्वेदी, संवाद भट्ट, रमन आत्रे के साथ जयपुर रंगमंच से जुड़े कलाकारों तपन भट्ट, विषा पाराशर, आकाश जोशी, मनीष कसाना, अमित मेहरा, जया पांडे, अंजलि त्रिपाठी आदि ने अभिनय किया। संगीत राजीव थानवी का है,जबकि सिनेमेटोग्राफी पुनीत धनकड़ की है। वेबसीरीज का साउंड विजय शेखावत ने डिजाइन किया है जबकि पटकथा गजेंद्र सिंह क्षोत्रिय ने लिखा है।
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