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जयपुर

गहलोत सरकार के लैंड के बदले लैंड मामलों की जांच कराएगी भजन लाल सरकार

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मंगलवार को शासन सचिवालय में विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होनें जेडीसी को निर्देश दिए कि गत 5 वर्षो में भूमि के बदले भूमि के कितने प्रकरण आए हैं, उनकी सूची एक सप्ताह में तैयार कर प्रस्तुत करें।

जयपुरJan 09, 2024 / 07:38 pm

Umesh Sharma

गहलोत सरकार की 'लैंड के बदले लैंड' मामलों की जांच कराएगी भजन लाल

गहलोत सरकार की ‘लैंड के बदले लैंड’ मामलों की जांच कराएगी भजन लाल

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मंगलवार को शासन सचिवालय में विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होनें जेडीसी को निर्देश दिए कि गत 5 वर्षो में भूमि के बदले भूमि के कितने प्रकरण आए हैं, उनकी सूची एक सप्ताह में तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होनें यह निर्देश भी दिए कि भूमि के बदले भूमि से संबंधित प्रकरणों में भविष्य में कोई भी कार्रवाई ना करें जो प्रकरण जिस स्थिति में है, आगामी आदेशों तक उसे वहीं रोका जाए। सभी प्रकरणों की पूर्ण समीक्षा के बाद ही आगामी कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होनें यू-1, यू-2, यू-3, इकोलॉजिकल क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र में चल रही किसी भी प्रकार की अनधिकृत गतिविधियां को तुरंत प्रभाव से रोकने के निर्देश भी दिए।

उन्होनें बैठक में पूछा कि मुख्यमंत्री जन आवास योजना से संबंधित कितने प्रोजेक्ट वर्तमान में लंबित हैं एवं किस कारण अब तक पूर्ण नहीं किए जा सके है। ऐसे प्रोजेक्ट्स को किस प्रकार निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जा सके। इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए। उन्होनें यह निर्देश भी दिए कि गत 4 वर्षों में नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन विभााग द्वारा प्रदेश में किस-किस संस्था अथवा व्यक्ति को किस उद्देश्य से भूमि आवंटित की गई है। इसकी पूर्ण जानकारी सूची सहित प्रस्तुुत करें। उन्होनें भू—उपयोग परिवर्तन से संबंधित की गई कार्रवाईयों की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। उन्होनें जयपुर विकास प्राधिकरण में 90 ए की कार्रवाई के बाद ले-आउट अनुमोदन से संबंधित कितने प्रकरण किस-किस जोन में कितने दिनों से लंबित है एवं किस वजह से लंबित हैं, की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये। खर्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 100 दिन की कार्य योजना इस तरह तैयार की जाए कि धरातल पर काम नजर आए। उन्होनें नाराजगी व्यक्त की कि हेरिटेज नगर निगम जयपुर क्षेत्र में जो स्थाई एवं अस्थाई अनाधिकृत अतिक्रमण हुए हैं, उनका चिन्हिकरण कर उनकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। ?बैठक में आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण डाॅ जोगाराम, आयुक्त राजस्थान आवासन मंडल कुमार पाल गौतम, निदेशक स्वायत्त शासन विभाग हृदेश कुमार शर्मा, आयुक्त नगर निगम हैरिटेज अभिषेक सुराना, आयुक्त नगर निगम ग्रेटर रूकमणि रियार, संयुक्त सचिव नगरीय विकास विभाग, सचिव जेडीए सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सुविधा क्षेत्र के कितने भूखंड सृजित किए, सूची पेश करो

उन्होनें कहा कि सुविधा क्षेत्रों में अब तक कितने भूखण्ड सृजित कर भूमि बेची गई है उनकी सूची तैयार की जाए तथा ऐसे प्रकरणों की आवश्यक जांच कर की गई कार्रवाई से अविलम्ब अवगत कराया जाए। उन्होनें 90 बी प्रक्रिया के पश्चात् प्रस्तुत मानचित्रों में किस कारण से परिवर्तन किए गए, इसकी जानकारी भी अधिकारियों से चाही। उन्होनें कहा कि ऐसे प्रकरणों में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई है, इसकी सूची तैयार कर प्रस्तुत की जाए।

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, हर काम आॅनलाइन हो

उन्होनें बैठक में दो टूक बात कही। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। अधिकारी जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करें, जिससे कार्य प्रणाली को और अधिक पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार रहित बनाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्यालयों में 31 जनवरी 2024 के बाद समस्त कार्य ऑनलाइन ही संपादित किए जाएं। उन्होनें कहा कि कई नगरीय निकाय क्षेत्रों में निर्मित सीसी सड़कें निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं बनाई गई है, उसके लिए जिम्मेदारी तय करते हुए उनमें व्यापक सुधार करवाया जाए।

प्रोजेक्ट्स की जानकारी भी मांगी

उन्होनें आयुक्त जेडीसी से कहा कि द्रव्यवती नदी परियोजना में शेष रहे कार्यो की सूची पेश करें और यह भी बताएं कि परियोजना में साफ पानी नहीं आने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं ?उन्होनें पूछा कि एसएमएस अस्पताल में निर्माणाधीन आईपीडी टावर के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनका तीन दिवस में संक्षिप्त विवरण तैयार कर प्रस्तुत करें।

कर्मचारी का वेतन रोको

उन्होनें कहा कि जो सफाई कर्मचारी अन्य कार्य कर रहे हैं, ऐसे कर्मचारियों को 15 दिन के भीतर पुनः सफाई कार्यों में लगाएं। यदि कोई सफाई कर्मचारी सफाई अन्य कार्यों में लगा हो तो उसका मासिक वेतन रोका जाये एवं उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होनें निदेशक स्वायत्त शासन विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश की नगरीय निकायों में अनियमितताओं की शिकायत है तो उसकी जांच कर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

 

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यह भी अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी

—अवाप्तशुदा भूमि के संबंध में न्यायालयों में कितने वाद लंबित है, उन पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है। उनका यथाशीघ्र निस्तारण करने के लिए प्रभावी पैरवी की जाए। इस संबंध में विस्तृत नोट प्रस्तुत करें।
—जेडीए द्वारा 176 पाक विस्थापितों को गोविंदपुरा में भूखण्डों का आवंटन किया गया था लेकिन अन्य व्यक्तियों द्वारा भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया है। क्या पाक विस्थापितों को कब्जा संभलवाया गया है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें।
—डीएलबी को किसी भी परिवादी का जायज कार्य रोके।
—नगर पालिका क्षेत्र में नियम विरुद्ध जारी पट्टों की सूची दें।
—कचरा संग्रहण पर कितना पैसा व्यय हो रहा हैं और तीन सालों में कितना पैसा खर्च हुआ। इसकी रिपोर्ट 15 दिवस में प्रस्तुत करें।
—तीन वर्षों में नगर निगम क्षेत्रों में किस-किस कंपनी से कितनी स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई। उसका कितना भुगतान किया गया है उसकी सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें।
—नगरीय क्षेत्रों में कितनी नर्सरी, बाग-बगीचों को नष्ट कर दूसरी गतिविधियां संचालित की जा रही है, इसकी जानकारी दें।

https://youtu.be/RnGOdbjFm4g

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