ऑल इंडिया 5वीं रैंक हासिल करने वाले रोहन गर्ग ने स्कूली एजुकेशन गुजरात से पूरी की। सीए की तैयारी के लिए वह जयपुर आए। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा मीडियम क्लास से हूं, तो लाइफ में बहुत सी दिक्कतें आईं। मां एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्स है। जयपुर आना मेरे लिए टर्निंग पॉइंट रहा, यहां आने के बाद लाइफ को लेकर सीरियस हुआ। सीए बनाना इसलिए तय किया, क्योंकि यहां इंवेस्टमेंट कम है। फाइनल में टारगेट तो ऑल इंडिया फस्र्ट रैंक लाने का था। पिछले दो साल से यूट्यूब चैनल चला रहा हूं, जिसमें इंटरमीडिएट और फाइनल के स्टूडेंट्स को गाइड करता हूं, उससे अर्निंग भी होती है। अब खुद का कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाना चाहता हूं।
ऑल इंडिया 28वीं रैंक हासिल करने वाली स्वाति बंसल ने कहा कि बहुत सी मुश्किलों के बाद ही लाइफ में बड़ा अचीवमेंट हासिल होता है। सीए फाइनल के शुरुआत में ही टेस्ट सीरीज जॉव्इन की, जिसने रैंक लाने में बहुत मदद की। शुरू से एवरेज स्टूडेंट रही हूं। पहले हिंदी मीडियम की स्टूडेंट थी। सीए बनने के लिए मीडियम चेंज किया, जिसमें बहुत परेशानी हुई। बिजनेस लाइन में जाने के लिए कॉमर्स सब्जेक्ट लिया। रैंक लाने के लिए सटीक प्लानिंग के साथ रेगुलर स्टडी की। हर सब्जेक्ट को टाइम टेबल के अनुसार पढ़ा।
प्रियांशु शर्मा ने कहा कि सीए इंटरमीडिएट की तैयारी ऑनलाइन क्लासेस से की। पहले ऑनलाइन मॉक टेस्ट देता था। एक बार एआइ चैटबॉट टूल्स से अंसर देखने लगा, तो खुद को बहुत बुरा लगा। उसके बाद ऑफलाइन टेस्ट देने लगा। बोर होने पर चैस गेम खेलता था। सीए फाइनल करना मेरा ड्रीम है। प्रियांशु की ऑल इंडिया 13वीं रैंक आई है। वहीं, ऑल इंडिया 18वीं रैंक लाने वाले भव्य शर्मा ने अपना सक्सेस मंत्र शेयर करते हुए कहा कि पिताजी की गाइडेंस में इंटरमीडिएट की स्टडी की, वे एक सीए हैं। छोटे-छोटे ब्रेक लेकर करीब 10-12 घंटे स्टडी करता था। एग्जाम के समय पढ़ाई कम की, क्योंकि कई बार रिवीजन हो चुका था। माइंड फ्रेश करने के लिए वॉक करता था। सीए फाइनल में रैंक लाना ड्रीम है।