आरोप पत्र के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय समिति के सदस्य उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड, अरुण चतुर्वदी और सतीश पूनिया ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि सरकार के मुखिया सौ दिन में से 38 दिन तो दिल्ली दरबार में ही रहे। सौ दिन में सरकार ढाई कोस भी नहीं चल सकी है। किसानों के साथ सरकार ने धोखा किया। दस दिन में किसानों का कर्जा माफ करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वोट की फसल काटने के लिए कांग्रेस ने चुनाव में वादे कर डाले। छोटी सोच के चलते किसान सम्मान निधि लागू नहीं हो सकी। कानून व्यवस्था बिगड चुकी है।
— दस दिन में किसानों का कर्जा माफ करने की घोषणा झूठ का पुलिंदा साबित हुआ। 59 लाख किसान 99 हजार 995 करोड रुपए के कर्ज से दबे हुए हैं।
— पहली बार किसानों को रबी के लिए न तो सहकारी और न ही अनुसूचित बैंकों से कर्ज मिला। समय पर खाद नहीं मिली, यूरिया के लिए लाइन पर लगे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया।
— किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से प्रदेश के 52 लाख किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए मिलने थे, लेकिन समय पर आांकडे उपलब्ध नहीं करवाए गए। अब तक किसानों के खाते में 4200 करोड रुपए पहुंच जाते।
— बेरोजगारी भत्ते के नाम पर सरकार ने वादा खिलाफी की। प्रदेश में 33 लाख शिक्षित बेरोजगार हैं, जिन्हें चुनावी घोषणा के तहत प्रतिमाह 1160 करोड रुपए दिए जाने चाहिए थे।
— संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन यह घोषणा भी थोथी घोषित हुई।
— भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद कर दिया और केन्द्र की आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया जा रहा। प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है।
— जनता के स्वास्थ्य को भगवान भरोसे छोड दिया। स्वाइपफृलू से 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी है।
— कानून व्यवस्था की धज्जियां उड रही है। अपराधों में बेतहाशा बढोतरी हुई है।
— सरकार ने कर्मचारियों के तबादलों को एक उद्योग बना दिया है।
— इस सरकार में वित्तीय प्रबंधन गडबडा गया है, सरकार के राजस्व में कमी आई है।
— मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
— 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का वादा झूठा निकला, किसानों को पांच घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। घरेलू बिजली 16 घंटे ही मिल पा रही है।
— नरेगा योजना क तहत 100 दिन से मजदूरों को भुगतान नहीं मिला है।
— दस प्रतिशत आरक्षण लागू करने के मामले में भी सरकार की प्रक्रिया धीमी है। इस वजह से आज तक भी किसी को एक भी आर्थिक पिछडा वर्ग का प्रमाण पत्र नहीं मिला है।
— सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उसने जनता के साथ धोखा क्यों किया।