राजस्थान की भजनलाल सरकार में पहली बार तबादलों से रोक हटने के बाद माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में विभागों में अधिकारी-कर्मचारी इधर-उधर होंगे। लेकिन अभी तक कुछ ही विभागों में तबादले हुए हैं। उनकी भी संख्या कम ही है। वहीं अधिकांश विभागों में तबादलों को लेकर सोमवार को भी मंथन होना बताया गया। माना जा रहा था कि रात तक कुछ और विभागों की सूचियों को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
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सरकार में तबादलों को लेकर इस बार नया रिवाज देखने को मिल रहा है। अब तक विधायक, मंत्रियों को अर्जी देते नजर आते थे, वे अब ज्यादातर मुख्य सचिव सुधांश पंत को अर्जी देकर तबादलों की सिफारिश कर रहे हैं। भाजपा विधायक जिलों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में लगे कार्मिकों को हटाने की लगातार मांग करते आ रहे हैं। विधायकों की मांग है कि जिन्होंने चुनाव में सरकार के इशारे पर काम किया। कम से कम उनको हटाया जाए। इसी को देखते हुए तबादलों से रोक हटाई गई। लेकिन, अभी उनकी इच्छा के मुताबिक तबादले नहीं हो सके हैं। इससे तबादलों को लेकर खींचतान भी हो रही है।
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