इसके साथ ही कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है। बैठक के बाद डोटासरा ने मीडिया को जानकारी दी कि राजस्थान के उपचुनाव में कांग्रेस का किसी भी दल से गठबंधन नहीं होगा, हम सभी सातों सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस का कार्यकर्ता किसी से डरता नहीं है। डोटासरा ने कहा कि इंडिया गठबंधन का मामला केंद्रीय स्तर पर है, राजस्थान के उपचुनाव में नहीं। हमने सातों सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिए हैं।
क्यों नहीं हुआ गठबंधन?
प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने मीडिया से रूबरू होते हुए गठबंधन को लेकर कहा कि ‘हमसे किसी राजनीतिक दल ने संपर्क नहीं किया। ऐसे में हम उपचुनाव अकेले लड़ेंगे।’ जबकि गठबंधन को लेकर इनसाइट स्टोरी कुछ भिन्न है।
सूत्रों के मुताबिक हनुमान बेनीवाल के द्वारा कांग्रेस पार्टी को लेकर दिए गए विवादित बयान, पीसीसी चीफ डोटासरा पर व्यक्तिगत हमले और गठबंधन को लेकर दिल्ली पर सवाल उठाना कहीं ना कहीं गठबंधन पर भारी पड़ गया। साथ ही बाप पार्टी ने चौरासी और सलूंबर सीट पर पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिए थे, जिसके बाद स्वत: ही गठबंधन की चर्चाओं पर विराम लगा दिया था।
टिकट से पहले विरोध शुरू
इधर, युवा नेता नरेश मीणा टिकट से पहले ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। आज उन्होंने जयपुर में बड़ा प्रदर्शन भी किया और पीसीसी वॉर रूम के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की। इसके अलावा झुंझुनू विधानसभा सीट पर मुस्लिम न्याय मंच के कार्यकर्ता अल्पसंख्यक को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और मदरसा बोर्ड अध्यक्ष एमडी चौपदार ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस वॉर रूम के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया।
इन सीटों पर होगा उपचुनाव
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।