1 किलोवाट के संयंत्र से बनती है 4 यूनिट बिजली
बिजली इंजीनियरों के अनुसार आसमान साफ होने की स्थिति में एक किलोवाट क्षमता के संयंत्र से 4 यूनिट बिजली बनती है। लेकिन दो महीने से बारिश का दौर है और आसमान में बादल छाए रहते हैं। ऐसे में 4 की जगह 2 यूनिट से भी कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। ऐसे में संयत्र से बिजली का निर्यात कम और आयात ज्यादा हो रहा है। आयात-निर्यात में आया अंतर
बिजली कम बन रही है और घरों में बिजली के उपकरण गर्मी के हिसाब से ही चल रहे हैं। ऐसे में जहां मई-जून में बिजली का बिल शून्य में आ रहा था। वहीं, अब बिलों में निर्यात और आयात के गुणाभाग के बाद 2 से 3 हजार रुपए उपभोक्ता को चुकाने पड़ रहे हैं।