राजस्थान अपनी खूबसूरती और पर्यटन स्थल के अलावा भी दुनिया में पहचान रखता है। अगर बात उच्च शिक्षा की करें तो यहां के कुछ ऐसे भी संस्थान हैं, जहां प्रदेश के अलावा देशभर के बच्चे अपना भविष्य बनाने के लिए हर यहां आते हैं तो वहीं पड़ोसी मुल्कों से भी लोग शिक्षा हासिल करने समय-समय पर आते रहे हैं। आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण संस्थानों से रु-ब-रू करवा रहे हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर अपनी पहचान रखते हैं। जानते हैं इनके बारे में…
बिट्स पिलानी- इस संस्थान को मशहूर उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला ने साल 1929 में एक इंटर कॉलेज के रूप में शुरु किया था। जो बाद में देश की अग्रणी प्रौद्योगिकी संस्थानों में अपना स्थान बनाने कामयाब रहा। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस राजस्थान के अलावा गोआ, हैदराबाद और दुबई में भी इसके कैम्पस हैं। इसे मानद विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल है। इस साल जारी शीर्ष 100 रैंकिंग विश्वविद्यालय की श्रेणी में बिट्स पिलानी ने 13वां स्थान हासिल किया है। जो इसके उच्च शिक्षा की अहमित को देखते हुए मिला है। यहां से हर साल होनहार छात्र देश और विदेश के अग्रणी कंपनियों में अपनी सेवाएं देने के निकलते हैं। जबकि कई शोध के क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं।
वनस्थली विद्यापीठ (निवाई, टोंक)- यह संस्थान महिला शिक्षा के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी अलग पहचान रखता है। यह राजस्थान के टोंक जिले की निवाई में स्थित है। वनस्थली विद्यापीठ की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां शिशु कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षण और अनुसंधान कार्य में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर तरह सुविधाएं दी जाती है। जिससे कि वो अपना एक अलग पहचान बना सकें। इसे भारत सरकार से समविश्वविद्यालय का दर्जा हासिल है। जहां पढ़ाई के साथ-साथ छात्राओं के व्यक्तित्व को निखारने के लिए तरह-तरह के एक्टिविटी कराए जाते हैं। यहां देशभर के अलावा नेपाल, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, केनिया और जपान जैसे दूर दराज के देशों से छात्राएं शिक्षा हासिल करने आती हैं। तो वहीं वनस्थली का उच्च माध्यमिक विद्यालय देश का प्रथम ‘गर्ल्स ऑटोनॉमस स्कूल’ है।
राजस्थान विश्वविद्यालय (जयपुर)- राजस्थान विश्वविद्यालय प्रदेश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। इस साल जारी शीर्ष 100 विश्वविद्यालय की रैंकिंग में राजस्थान विवि ने 79 वां स्थान मिला है। ऐसा कहा जाता है कि इसी जगह से पढ़ाई पूरी कर कई छात्र आज प्रदेश के बड़े चेहरे रुप में जाने जाते हैं। यह लगभग 300 एकड़ में फैला हुआ है, तो वहीं यह उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य के लिए देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक माना जाता है। 8 जनवरी साल 1947 को इसे राजपूताना विश्वविद्यालय के नाम से शुरु किया गया था, फिर 1956 में इसे वर्तमान नाम दिया गया। प्रदेश के लगभग 305 महाविद्यालय इससे जुड़े हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय 37 विषयों में डाक्टरेट, 20 विषयों में एम.फिल, 48 विषयों में स्नातकोत्तर और 14 विषयों में स्नातक की डिग्री हर साल छात्रों को देता है।
राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटेनरी एंड एनिमल साइंसेज- इसकी स्थापना साल 1965 में हुई थी। पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय राजस्थान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालयों में बीकानेर स्थित इस शिक्षण संस्थान को शैक्षणिक स्तर और प्रयोगशालाओं में दी जाने वाली सुविधाओं के कारण इसे अग्रणी माना जाता है। इस साल विश्वविद्यालयों और मानद् विश्वविद्यालयों की शीर्ष 100 रैंकिंग में राजस्थान के चार विश्वविद्यालय को शामिल किया गया था, जहां राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटेनरी एंड एनिमल साइंसेज ने 53वां स्थान हासिल किया।
कोटा के कोचिंग संस्थान- देशभर के अलावा पड़ोस के मुल्कों तक राजस्थान का कोटा जिला अपने कोचिंग संस्थानों के लिए काफी मशहूर है। और यही कारण है कि कोटा को भारत की कोचिंग राजधानी भी कहा जाता है। हर साल इस शहर में लाखों छात्र अलग-अलग प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में आते हैं। और यहां से सफलता भी हासिल करते हैं। और यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में कोटा एक मशहूर कोचिंग नगरी के रुप में उभरा है। तो वहीं ऐसा कहा जाता है कि कोटा के कोचिंग संस्थानों की सफलता का सबसे बड़ा राज यहां की क्लासरूम स्टडी है।
Hindi News / Jaipur / VIDEO: ज्ञान का गुरुकुल भी है ‘राजस्थान‘, भारतीय ही नहीं विदेशों से भी अपना भविष्य संवारने आते हैं छात्र