अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनकर तैयार हुए भव्य मंदिर निर्माण के लिए देशभर में सबसे ज्यादा राजस्थान से चंदा इकट्ठा किया गया है। जानकारों की मानें तो राजस्थान के लोगों ने 500 करोड़ रूपये से अधिक का योगदान दिया है। पिछले दिनों जयपुर आए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपतराय ने बताया था कि देशभर में 9 लाख कार्यकर्ताओं ने 10 करोड़ लोगों तक पहुंचकर राशि एकत्रित की। राजस्थान में 36 हजार गांव और शहरी कॉलोनियों से लोगों ने दान दिया। देशभर के 4 लाख से अधिक गांवों में राशि एकत्र की गई। अभियान में स्वयंसेवकों की 1.75 लाख टोलियों में जुड़े कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर संपर्क किया।
बंसी पहाड़पुर के पत्थर से बना मंदिर का ढांचा
श्रीराम जन्मभूमि पर बने मंदिर का ढांचा राजस्थान के बंसी पहाड़पुर पत्थर और मार्बल से बनाया गया है। मंदिर के निर्माण में बंसी पहाड़पुर के 13 लाख घन फीट से अधिक पत्थरों का उपयोग हो रहा है। जानकारों की मानें तो मुख्य भवन निर्माण के प्रवेश द्वार से निकास द्वार तक 4 लाख घन फीट पत्थर लग चुका है। जबकि परिक्रमा व कोरिडोर मार्ग में 7.50 लाख घन फीट पत्थर लगना बाकी है। वहीं परकोटा के लिए जोधपुर के पत्थर इस्तेमाल किए गए है।
भूतल पर मकराना का मार्बल
श्रीराम मंदिर के भूतल का फर्श मकराना के मार्बल से तैयार किया गया है। जानकारों की मानें तो भूतल पर करीब 18 हजार वर्गफीट में मार्बल लगाया गया है, जिसकी आपूर्ति राजस्थान से हुई है। इसमें प्रदक्षिणा पथ पर ही करीब सात सौ वर्ग फीट में मार्बल लगाया गया है।
प्रधानमंत्री करेंगे 22 को प्राण प्रतिष्ठा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने हाथों से करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के विधि विधान के मुताबिक सबसे पहले प्रधानमंत्री प्रभु श्रीराम को आइने में उनका चेहरा दिखाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में पीएम मोदी के अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और मंदिर के आचार्य मुख्य पुजारी उपस्थित रहेंगे। 23 जनवरी से श्री राम मंदिर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
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घर—घर बांट रहे पीले चावल
बताया जा रहा है कि श्रीरामलाल प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव केा लेकर अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से हर दिन 2 लाख लोगों के रहने और खाने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। रामलला के दर्शन के लिए देश के हर कोने से लोग पहुंचे। इसके लिए रामसेवकों की ओर से अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। घर—घर लोगों केा पीले चांवल बांटे जा रहे है। राजधानी जयपुर में 7 जनवरी तक घर-घर पीले चावल बांटे जाएंगे। इस दौरान अक्षत के साथ पत्रक और भगवान राम का चित्र भी दिया जा रहा है। इससे एक दिन पहले रविवार को कई स्थानों को अक्षत कलश यात्रा निकाली गई।